कानपुर। यूपी पुलिस के सिस्टम पर सवाल उठाती खबर आ रही है। अपराधियों पर नकेल कसने के लिए उनका एनकाउंटर कर रही यूपी पुलिस के एक अधिकारी की थाना परिसर में सोमवार को हत्या कर दी गई। सारा दिन उसकी लाश थाना परिसर में पड़ी रही परंतु किसी को पता ही नहीं चला। मंगलवार को जब दुर्गंध आई तब पता चला। दरोगा बच्चा लाल की रक्तरंजित लाश को बरामद किया गया है। सवाल सिर्फ यह है कि दरोगा स्तर का अधिकारी करीब 24 घंटे तक लापता रहा और किसी को पता भी नहीं चला। सवाल पुलिस के सिस्टम पर भी उठ गया है।
क्या है घटनाक्रम
बताया जा रहा है कि मृतक दरोगा बच्चा लाल की दिसंबर में घाटमपुर थाना सजेती में एचसीपी के पद पर तैनाती हुई थी। दरोगा थाना परिसर में बने सरकारी आवास में रहते थे। सोमवार को दरोगा ड्यूटी करने के बाद अपने आवास पर चले गए। अगले दिन मंगलवार को वह पूरे दिन थाने में नहीं दिखे। शाम को जब दुर्गंध आई तो जाकर देखा। कमरे में उनकी लाश पड़ी हुई थी। रसोई में सब्जी काटने वाले चाकू से उनकी हत्या की गई। शरीर पर चाकू के कई घाव बने हुए हैं।
हत्या के एंगल
सामान्यत: कहा जा रहा है कि यूपी पुलिस के एनकाउंटर अभियान के चलते किसी बदमाश ने दरोगा की हत्या कर दी होगी परंतु इसके इतर यह भी जानकारी मिल रही है कि दारोगा पच्चा लाल गौतम सीतापुर के रहने वाले थे। दारोगा ने दो शादियां की थी। हरदोई में तैनाती के दौरान दारोगा का प्रेम विवाह किया गया था। प्रेमिका से दारोगा की दो बेटियां थी और यह भी बताया जा रहा है कि दारोगा जल्द ही रिटायर होने वाले थे।
बड़ा सवाल पुलिस के सिस्टम पर
किसी भी राज्य की पुलिस का सबसे व्यस्त अधिकारी होता है एचएसओ/थाना प्रभारी/टीआई / दरोगा या ऐसा ही कोई दूसरा पद नाम। उसके ऊपर पूरे थाने की जिम्मेदारी होती है। उसे ही वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट करना होता है। उसकी जानकारी के बिना थानों में एक शिकायत पर पावती तक नहीं दी जाती। वो 24 घंटे वायरलेस पर उपलब्ध होता है और इस स्तर के अधिकारी को दिन में कई बार वायरलैस मैसेज भेजा ही जाता है। सवाल यह है कि कानपुर जैसे शहर में एक दरोगा 24 घंटे से ज्यादा गायब रहा और पुलिस विभाग को पता ही नहीं चला। सवाल सिस्टम पर उठ गए हैं।
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