नई दिल्ली से भोपाल समाचार ब्यूरो आशीष दुबे की रिपोर्ट / बुराड़ी कांड की कड़ियां अब जुड़ती जा रहीं हैं और सवालों के जवाब भी मिलने लगे हैं। दरअसल भाटिया परिवार में ललित ही सबका मार्गदर्शक था। वो धार्मिक नहीं थे बल्कि अंधविश्वासी थे और अपनी सफलता के लिए पिता की आत्मा का महत्वपूर्ण योगदान मानते थे। घर में एक रजिस्टर मिला है। इसी रजिस्टर को भाटिया परिवार ने अपना ग्रंथ मान लिया था और इसमें लिखी हर बात उनके लिए भगवान का आदेश होती थी। दरअसल, भाटिया परिवार ने अपने लिए एक अलग तरह के भगवान क्रिएट कर लिए थे। घटना के एक सप्ताह पहले से ललित पूरे परिवार से 'बड़ तपस्या' का अभ्यास करा रहा था। इसमें कुर्सी पर खड़े होकर हाथ और आंख बांधकर क्रिया कराई जा रही थी। कान बंद किए जाते थे बाहरी आवाजों से डिस्टर्ब ना हो। परिवारजनों को पता ही नहीं था कि उनके साथ क्या होने वाला है। ये सिर्फ ललित की योजना थी और ललित को ही पता था। घटना वाले दिन भी परिवारजन तो बड़ तपस्या कर रहे थे। उन्हे पता ही नहीं चला कि किसने पैरों के नीचे से आधार खिसका दिया और कैसे मौत हो गई।
रजिस्टर ही उनका ग्रंथ था, उसी में छुपे थे उनके भगवान
मामले की जांच में जुटे अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रजिस्टर में लिखा हुआ है कि बाहर की दुनिया को छोड़ दो। कोई धर्म नहीं हैं। बाहर की दुनिया दिखावा है। वह रजिस्टर में लिखी बातों को परिवार के सदस्यों को दिन में तीन बार पढ़वाता था। वह परिवार के सदस्यों से कहता था कि रजिस्टर में लिखी हर बात सच्ची है। जब से पिता की आत्माएं उसमें आने लगी हैं, परिवार तरक्की करने लगा। एक दुकान से तीन दुकान हो गईं। मकान एक मंजिला से चार मंजिला हो गया है। वह बच्चों को पढ़ने के लिए कहता था। मोबाइल चलाने व टीवी देखने के लिए मना करता था। घर में जो दस मोबाइल मिले हैं उनमें से एक ही मोबाइल में ही वाट्सऐप चल रहा था।
एक सप्ताह से करा रहा था अभ्यास
पुलिस अधिकारी ने बताया कि बड़ पूजा की एक सप्ताह से प्रेक्टिस की जा रही थी। परिवार के लोग एक साथ एकत्रित होते थे। परिवार के सभी सदस्य एक साथ हाथ जोड़ते थे। सभी लोग कुर्सियों पर खड़े हो जाते थे। एक-दूसरे के हाथों को बांधते थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एक सप्ताह की प्रेटिक्स के दौरान अन्य सदस्यों को ये लग गया था कि उनके साथ कुछ गलत नहीं होने वाला है। पुलिस अधिकारियों के परिवार के सदस्यों के अलावा पानीपत में रहने वाली सुजाता नागपाल को ललित में पिता की आत्मा आने की जानकारी थी। सुजाता ने पुलिस को दिए बयान में ये बातें कहीं है।
मांगलिक दोष को दूर करने के लिए उज्जैन गए थे
अपराध शाखा पुलिस अधिकारियों के अनुसार प्रियंका मांगलिक थी। इस कारण उसकी शादी नहीं हो रही थी। वह 32 वर्ष की हो गई थी। मांगलिक दोष को दूर करने के लिए ललित, प्रतिभा व प्रियंका करीब डेढ़ वर्ष पहले उज्जैन गए थे। वहां इन्होंने पूजा करवाई थी।
क्लिनिकल जांच भी होगी
अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार एक बार मौके से मिलने सबूतों की पुष्टि हो जाए। सीसीटीवी फुटेज व रजिस्टर में लिखी बातों का पूरी तरह से मिलान हो जाए। इसके बाद क्लिनिकल जांच होगी। इसके तहत रजिस्टर में लिखी बातों को मनोचिकित्सकों से पढ़वाएंगे और उनकी राय लेंगे। परिवार के सभी 11 लोगों की मनोदशा का भी पता किया जाएगा। हो सकता है सभी का साइको ऑटोप्सी करवाई जाए।
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