भोपाल। दिग्विजय सिंह को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) से हटाए जाने के बाद अब चर्चाओं और अफवाहों का दौर शुरू हो गया है। इधर दिग्विजय सिंह के विधायक पुत्र जयवर्धन सिंह आरएसएस के संपर्क में आ गए हैं। बीते रोज वो गुना में संस्कृत भारती के एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए। जयवर्धन सिंह के ऐसे समय पर आरएसएस से जुड़े संगठनों की गतिविधियों में इस तरह भागीदारी के बाद राजनीति गर्म हो गई है।
कार्यसमिति में शामिल नहीं हुए थे दिग्विजय सिंह
22 जुलाई को दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की पहली बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें दिग्विजय सिंह को विशेष रूप से आमंत्रित किए गया था परंतु वो शामिल नहीं हुए। उन्होंने एक बयान जारी किया कि वो पंढरपुर में विठोवा जी के दर्शन हेतु आए हैं इसलिए शामिल नहीं हुए परंतु उन्होंने अपनी उपस्थिति प्रमाणित करने के लिए कोई फोटो जारी नहीं किया। 23 जुलाई को उन्होंने प्रेस से बातचीत की। सवाल यह है कि क्या 22 जुलाई को पंढरपुर पहुंचना अनिवार्य था जबकि एकादशी 23 जुलाई की थी और 22 की मीटिंग के बाद भी वो पंढरपुर पहुंच सकते थे।
आरएसएस ने जयवर्धन को क्यों बुलाया
हालांकि हमेशा की तरह आरएसएस और संस्कृत भारती के अस्तित्व अलग अलग बताए जाते हैं परंतु सब जानते हैं कि संस्कृत भारती के प्रमुख पदों पर आरएसएस के प्रचारक एवं नेता पदस्थ होते हैं। सवाल यह भी है कि संस्कृत भारती ने जयवर्धन सिंह को आमंत्रित क्यों किया जबकि दिग्विजय सिंह अक्सर आरएसएस पर हमला करते रहते हैं। क्या सिंधिया परिवार की तरह अब दिग्विजय सिंह के परिवार में भी दोनों पार्टियों को साधने की रण्नीति शुरू हो गई है। गुना में सवाल गूंज रहा है कि क्या जयवर्धन सिंह भाजपा ज्वाइन करेंगे।
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