इंदौर। वरिष्ठ पत्रकार और देश के ख्यात अखबार दैनिक भास्कर के समूह संपादक कल्पेश याग्निक की संदिग्ध मौत के मामले में 2 बातें पुलिस रिकॉर्ड में स्पष्ट हुई हैं। पहली: उनकी मौत हार्टअटैक से नहीं हुई थी बल्कि उन्होंने आत्महत्या की थी और दूसरी इस आत्महत्या के लिए दैनिक भास्कर की महिला पत्रकार सलोनी अरोरा जिम्मेदार है। पुलिस का दावा है कि सलोनी ही कल्पेश याग्निक को प्रताड़ित कर रही थी। सलोनी ने उनसे 5 करोड़ रुपए की मांग की थी। झूठे मामले में फंसाने की धमकी देती थी। कल्पेश ने सलोनी को इंदौर से हटा दिया था। वो इंदौर वापस आना चाहती थी। कल्पेश याग्निक ने हादसे से पहले पुलिस अधिकारियों को एक आवेदन भी दिया था जिसमें लिखा था कि यदि उनके खिलाफ कोई शिकायत आए तो केस दर्ज करने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए। सलोनी फिल्हाल मुंबई में रहती है।
एमआईजी थाना प्रभारी तहजीब काजी के मुताबिक पत्रकार कल्पेश याग्निक की मौत की मिस्ट्री मामले में मर्ग कायम किया गया था। जिसकी जांच के दौरान मृतक के परिजनों और अन्य साक्षियों के बयान दर्ज किए और मोबाइल से सबूत जमा किए गए। इसी आधार पर सलोनी अरोरा नामक महिला पत्रकार के खिलाफ आईपीसी की धारा 306, 503, 386 और आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
पुलिस का दावा है कि जांच में निम्न तथ्य पाए गए हैं:
कल्पेश याग्निक को मृत्यु के पूर्व धमकी देकर परेशान किया जा रहा था।
उन्हें बदनाम करने के लिए धमकी दी जा रही थी।
उन्हे झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी जा रही थी।
सलोनी अरोरा नामक महिला द्वारा पहले 1 करोड़ और फिर बाद में 5 करोड़ की मांग की गई थी।
सलोनी रुपयों की डिमांड के अलावा वापस इंदौर लाने का दबाव भी बना रही थी।
मृत्यु के पूर्व भी कल्पेश याग्निक ने अपने दोस्तों और परिजनों को बताया था वो उससे परेशान है।
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