
सभी सेवाएं वेंटिलेटर पर, लाचार मां भटकती रही बेटे की जिंदगी के लिए
सुबह से लेकर दोपहर 12 बजे तक हंगामा चलता रहा। इस बीच तमाम सेवाएं ठप रहीं। सुबह करीब 8.30 बजे बटियागढ़ निवासी रमेश राजगौड़ व उसकी पत्नी लक्ष्मीरानी अपने दो साल के बेटे सूरज को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। उसके पेट में तेज दर्द हो रहा था। लक्ष्मी का आरोप है कि वह सुबह से 10.30 बजे तक अपने बेटे के इलाज के लिए अस्पताल में भटकती रही, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। अंत में इलाज के अभाव में उसके बच्चे की जान चली गई। इसी बीच तेजगढ़ के दवा गांव निवासी कंछेदी पिता गोरेलाल सर्प दंश का शिकार होकर अस्पताल पहुंचा। उसे भी इलाज नहीं मिला और उसकी भी मौत हो गई। पूर्व कृषि मंत्री के परिजन पर मामला दर्ज प्रसूता और नर्स विवाद में पुलिस ने पूर्व कृषि मंत्री कुसमारिया के 8 परिजनों पर मामला दर्ज किया है।
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अस्पताल में हड़ताल के दौरान हुए घटनाक्रम व इलाज के अभाव में एक बच्चे व एक व्यक्ति की मौत के मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन से रिपोर्ट मांगी जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
जे विजय कुमार, कलेक्टर दमोह
दो वर्षीय मासूम को मृत अवस्था में ही अस्पताल लाया गया था। सर्प दंश के मरीज को डॉक्टर ने अटेंड किया था। हड़ताल के दौरान इमरजेंसी सेवाएं चालू थी। नर्स स्टाफ के बिना डॉक्टर काम नहीं कर सकते हैं और यदि नर्स स्टाफ को कोई समस्या होगी तो निश्चित तौर पर डॉक्टर उनका साथ देंगे ही।
डॉ. ममता तिमौरी, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
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