GWALIOR: दिल्ली के कुछ जालसाजों ने एक व्यक्ति के मोबाइल पर बच्चे को एडमिशन दिलाने के लिए मैसेज किया। जानकारी के अनुसार दतिया की बुंदेला कॉलोनी निवासी अरविंद पुत्र हरीशंकर भार्गव ने एक आवेदन पुलिस को दिया था। फरियादी अरविंद ने पुलिस को बताया था कि उनके मोबाइल पर 23 मई 2017 को एक मैसेज आया और मेडिकल कॉलेज में एडमिशन संबंधी बात मैसेज में कही गई। चूंकि अरविंद अपने बेटे को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाना चाहते थे इसलिए वे एडमिशन के लिए तैयार हो गए। इसके बाद मैसेज भेजने वालों ने उनसे 10 लाख रुपए एडमिशन के लिए सितंबर 2017 से अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए।
यही नहीं पूरी कागजी कार्रवाई कर ईमेल के जरिए फरियादी के पास एडमिशन के कागजात भेज दिए, लेकिन जब फरियादी दिल्ली में मेडिकल कॉलेज में बच्चे को एडमिशन दिलाने पहुंचा तो पूरा भेद खुल गया। घटना डेढ़ साल पुरानी है। कोतवाली पुलिस ने साइबर सेल की जांच के बाद शनिवार को दोपहर में छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
आरोपियों ने मेडिकल कॉलेज में एडमिशन से संबंधित दस्तावेज ईमेल के जरिए अरविंद के पास भेजे। इन दस्तावेजों के साथ अरविंद अपने बेटे का एडमिशन कराने दिल्ली के मेडिकल कॉलेज में पहुंचे तो वहां पता चला कि यहां कोई एडमिशन नहीं हुआ है। तब अरविंद ने जिन लोगों के बैंक में पैसे भेजे उनके कार्यालय को देखा तो वह भी बंद मिला। मोबाइल पर भी संपर्क नहीं हो सका। पुलिस ने अरविंद की रिपोर्ट पर संतोष राय उर्फ दया दुबे, अर्जुन, गुलजार अहमद, प्रवीण कुमार उर्फ जयंत, रंजीत सिंह और विकास कुमार नामक जालसाजों पर प्रकरण दर्ज किया है।
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