
सुजाता ने कहा, 'लोग अंधविश्वास की बात कह रहे हैं... मैं बता दूं कि ऐसा कुछ नहीं था। मेरे परिवार के लोग धार्मिक थे, लेकिन किसी बाबा, तंत्र-मंत्र के चक्कर में शामिल नहीं थे। परिवार में सब लोग खुश थे और उनके ऊपर कोई दबाव नहीं था। घर में शादी का माहौल था, तब लोग क्यों सूइसाइड करेंगे। परिवार के तंत्र-मंत्र की बात झूठी थी। घर का दरवाजा खुला है और पुलिस कह रही है कि आत्महत्या हुई है। ऐसा नहीं है... पुलिस को ठीक से जांच करनी चाहिए यह हत्या का ही मामला है।'
सुजाता ने कहा कि पूजा पाठ तो सब करते हैं। पुलिस के आरोप सब झूठ है। ताकि ये केस को दबा दें। किसी बाबा को नहीं मानते थे। सिर्फ हनुमान जी को मानते थे। उन्होंने कहा कि ललित प्लाईवुड का काम करता था।
सुजाता ने कहा, 'क्या कोई अपनी मां के हाथ बांधकर उनको जान से मार देगा या मरने के लिए कहेगा। घर में मेरी भतीजी थी, छोटे बच्चे थे सबने कैसे एक साथ मरने की बात मान ली। मेरा परिवार दूसरों की मदद करनेवाला और खुश रहनेवाला परिवार था। भतीजी की सगाई को लेकर पूरा परिवार खुश था।'
इससे पहले ललित और भूपी के तीसरे भाई ने जो चित्तौड़ में रहते हैं उन्होंने भी हत्या की ही आशंका जाहिर की है। घर में मृत मिलीं परिवार की वृद्ध सदस्य नारायण देवी के तीसरे बेटे दिनेश और दिल्ली में रहने वाले अन्य रिश्तेदारों से शुरुआती पूछताछ हो चुकी है। नारायण देवी के एक रिश्तेदार किशोर ने बताया कि नारायण देवी उनकी बुआ थीं। उन्होंने दावे से कहा कि वे लोग किसी गुरु महाराज को नहीं मानते थे। वे सभी भगवान कृष्ण के अवतार श्रीनाथजी को मानते हैं, जिनका उदयपुर में मंदिर है।
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