BHOPAL: बार बार हड़ताल से परेशान शिवराज सिंह सरकार ने जूनियर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की सेवा को अत्यावश्यक सेवा घोषित कर दिया है। इसके साथ ही शासन ने इन सभी के अवकाश पर 3 महीने तक अवकाश लेने पर रोक लगा दी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके बाद अब डॉक्टर और अस्पताल का दूसरा स्टाफ हड़ताल नहीं कर सकेगा यदि वो ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी नोटिफिकेशन में कहा कि विभाग के अंतर्गत शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों की स्वशासी समितियों के तहत कार्यरत समस्त संवर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों के काम नहीं करने और सामूहिक अवकाश लिए जाने पर रोक लगा दी गई है। शासन ने जूनियर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ से जुड़ी सेवाओं को अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 की उपधारा 01 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए इन सेवाओं को अत्यावश्यक की श्रेणी में रखा है।
साथ ही निर्देश दिए कि अब इस संवर्ग में आने वाले अधिकारी-कर्मचारी ना तो काम करने से इंकार कर सकते हैं और ना ही सामूहिक अवकाश पर जा सकते हैं। शासन ने आगामी 3 महीनों के लिए ये व्यवस्था लागू की है। गौरतलब है कि विभिन्न मांगोंं को लेकर जूडा और पैरामेडिकल स्टाफ संवर्ग ने प्रदेश में बेमियादी हड़ताल शुरू की है।