
इस व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए इसी माह 12 जुलाई को जिला स्तर पर व 16 जुलाई को ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण शिविर भी विभाग द्वारा आयोजित किए जाएंगे। गत शिक्षण सत्र में एम शिक्षा मित्र से शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए समय समय पर कई बार स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा निर्देश दिए गए थे। लेकिन शिक्षकों की व्यवहारिक समस्याओं एवं विरोध के चलते इसे पिछले साल शुरू नहीं किया जा सका था। शिक्षकों को पूरा भरोसा था कि चुनावी साल में फिलहाल उन्हें इस एम शिक्षा मित्र से हाजिरी लगाने की कड़ाई पूर्ण व्यवस्था से मुक्ति मिलेगी। लेकिन दूरस्थ गांवों में पदस्थ शिक्षकों की मुसीबतें रुकने का नाम नहीं ले रही है। नई व्यवस्था के मुताबिक कनेक्टिविटी के अभाव में ऑफलाइन मॉड में भी उनकी उपस्थिति दर्ज हो सकेंगी। ऐसी संस्थाएं जहां नेटवर्क की कनेक्टिविटी नहीं है और उनमें पढ़ाने वाले शिक्षक उन्हीं गांवों में निवास करते हैं।
उनकी सूची जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा तैयार कर लोक शिक्षण संचालनालय को भेजी जाएगी। फिर इन गांवों का तकनीकी सत्यापन कराया जाएगा। यदि किसी शिक्षक के पास एंड्रायड मोबाइल फोन नहीं है तो संस्था प्रमुख व सहकर्मी के मोबाइल से वह अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेगा। नेट पैक के लिए 100 रुपए के व्यय का प्रावधान भी शाला निधि से किया गया है। नए आदेश के अनुसार ब्लॉक स्तर पर 16 जुलाई को आयोजित होने वाले प्रशिक्षण में नए वर्जन का एम शिक्षा मित्र एप शतप्रतिशत शिक्षकों को अपलोड करना होगा।
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