नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि जो दुकानदार या रेस्त्रां वाला आपसे सामान या खाने के बिल के साथ जीएसटी का भुगतान करने के लिए कह रहा है, वह असली है या नहीं? आपने जो जीएसटी का भुगतान किया है वह सरकार के खाते में जमा होगा या नहीं? अब एक मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए आप यह चैक कर सकेंगे कि जिस व्यापारी से आप लेन-देन कर रहे हैं उसे जीएसटी वसूलने का अधिकार है या नहीं।
दुकानदार, ग्राहक से FAKE GST वसूली नहीं कर पाएगा
भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी बी रघु किरण ने 'जीएसटी वैरीफाई' नाम से एक मोबाइल एप्लीकेशन बनाया है जिसके जरिए आप इसकी जांच कर सकते हैं। तेलंगाना के मेदचल जीएसटी कमिश्नरेट में संयुक्त आयुक्त पद पर तैनात किरण ने कहा कि जब भी आप कुछ खरीददारी करने जाते हैं या रेस्त्रां में खाना खाते हैं तो आपके बिल में जीएसटी अलग से जुड़ा आता है। ऐसे में अगर आप यह चैक कर लेते हैं कि वह दुकानदार या रेस्त्रां आपसे जीएसटी वसूलने का हकदार है या नहीं तो आप धोखाधड़ी से बच सकते हैं। इससे आपका पैसा बचेगा। किरण ने कहा कि यह एप्लीकेशन एक जुलाई को जीएसटी दिवस के अवसर पर लांच किया गया। एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है और अब तक इसे 20 हजार से अधिक लोग डाउनलोड कर चुके हैं।
कंपोजीशन स्कीम वाले व्यापारियों का पता चलेगा
मोबाइल में 'जीएसटी वैरीफाई' एप डाउनलोड करने के बाद कोई भी व्यापारी का 15 अंकों का जीएसटीएन नंबर डालकर इसमें चैक कर सकता है कि वह व्यापारी किस श्रेणी में पंजीकृत है और उस व्यापारी को ग्राहक से टैक्स वसूलने का अधिकार है या नहीं। किरण ने कहा कि अगर कोई व्यापारी कंपोजीशन स्कीम में पंजीकृत है तो उसका पता भी इस एप के जरिए चल जाता है। कंपोजीशन स्कीम लेने वाले कारोबारियों की संख्या लगभग 19 लाख है। इनमें रेस्त्रां और छोटे खुदरा व्यापारी भी शामिल हैं। जीएसटी कानून के मुताबिक कंपोजीशन स्कीम लेने वाले कारोबारी ग्राहक से जीएसटी नहीं वसूल सकते। 20 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी आते हैं। वित्त सचिव हंसमुख अढिया और सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्स (सीबीआइसी) के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष इस मोबाइल एप्लीकेशन को प्रदर्शित कर चुके किरण ने कहा कि इससे न सिर्फ ग्राहकों को फायदा होगा बल्कि सरकार को भी लाभ होगा।
GST चोरी की शिकायत (COMPLAINT) भी कर सकते हैं
उन्होंने कहा कि यह एप इतना सरल है कि न तो आपको इसमें लॉगिन करने की आवश्कता होती है और ही यह आपके फोन के कैमरा, कान्टैक्ट्स, ई-मेल या फोन नंबर जैसी जानकारी लेता है। इस पर फर्जीवाड़ा करने वाले व्यापारी की शिकायत भी की जा सकती है।