ग्वालियर। पूरे जुलाई माह ग्वालियर के लोग आसमान की तरफ देखते रहे। कभी बादल आते तो बिना बरसे ही चले जाते लेकिन 22 जुलाई को जो बरसे तो जैसे तबाही के मूड में थे। शहर की बीचों बीच से गुजरने वाली स्वर्णरेखा नदी में बाढ़ आ गई। दर्जनोंं कारें और वाहन बह गए। चारों तरफ त्राहि-त्राहि का माहौल था। बाढ़ एवं जलभराव से राहत के लिए लोग मदद मांगना चाहते थे परंतु किससे मांगे, कहां जाएं। किसे फोन लगाएं। किसी को कुछ पता नहीं था। आज बाढ़ गुजर जाने के बाद सोमवार को कलेक्टर अशोक कुमार वर्मा ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
अब जबकि जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। लोग परेशान हुए और उन्हे राहत नहीं मिली। कलेक्टर अशोक कुमार वर्मा ने एक मीटिंग में इसकी समीक्षा की। अब जाकर कलेक्टर ने चेतावनी दी कि यदि नाले-नालियों की समुचित साफ-सफाई न होने से जल भराव की स्थिति निर्मित हुई तो संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। सवाल यह है कि रविवार को जो कुछ हुआ उसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
बाढ़ गुजर जाने के बाद कंट्रोल रूम बनाने के आदेश
रविवार को बाढ़ गुजर जाने के बाद सोमवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर अशोक कुमार वर्मा ने निर्देश दिए कि नगर निगम क्षेत्र में अतिवर्षा के मद्देनजर मुख्य कंट्रोल रूम के साथ-साथ विधानसभा क्षेत्रवार और जोनल कार्यालय में बनाए जा रहे कंट्रोल रूम के फोन नम्बर सार्वजनिक करें। साथ ही शिकायतें दर्ज करने के लिये पंजी भी रखवाएं। उन्होंने कहा सभी कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय रहें।
अब बताया आपदा के समय इन्हें फोन करें
आपदा के समय मदद के लिये बहोड़ापुर स्थित होमगार्ड कार्यालय में आपदा प्रबंधन दल का गठन किया गया है। होमगार्ड कमाण्डेंट श्री आर पी मीणा, के मोबाइल फोन नं. 98273-35050 पर सूचना देकर सहायता प्राप्त की जा सकती है। साथ ही होमगार्ड कार्यालय के फोन नं. 0751-2490363 पर भी सूचना दी जा सकती है। इसके अलावा राज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम के टोल फ्री नम्बर 1079 पर भी सूचना देकर सहायता प्राप्त की जा सकती है।
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