ग्वालियर: एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा संशोधन के खिलाफ हुई हिंसा के मामले को साढ़े तीन महीने बाद एक बार फिर तूल दिया जाने लगा है। गुजरात की बड़गाम विधानसभा सीट से विधायक जिग्नेश मेवाणी ग्वालियर आए और हिंसा में मारे गए लोगों के घर गए। उन्होंने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि इस हिंसा के दौरान मप्र की भाजपा सरकार ने दलितों पर 5 हजार झूठे केस लाद दिए हैं। इन केसों की वापसी कराने के लिए हम जल्द ही ग्वालियर व मप्र में एक ऐसा बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी केस वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
एक सवाल के जवाब में जिग्नेश ने कहा-भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारें लोगों के बीच जातिगत व धार्मिक दंगे भड़का कर उसका लाभ वोट बैंक में लेती हैं। 2 अप्रैल को एससी-एसटी वर्ग के लोग अपने अधिकारों की रक्षा के लिए भारत बंद करा रहे थे, लेकिन आरएसएस व भाजपा के लोगों ने उसे हिंसा का रूप दे दिया। हिंसा फैलाने वाले लोगों का बचाव करते हुए श्री मेवाणी प्रेस काॅन्फ्रेंस में केस वापसी की मांग दोहराते रहे।
विधायक जिग्नेश मेवाणी के ग्वालियर दौरे के दौरान पुलिस बल भी साथ ही रहा। सीएसपी देवेंद्र सिंह कुशवाह व अन्य पुलिसकर्मी इन लोगों के साथ बने रहे। पुलिस सचेत थी कि कुम्हरपुरा, भीम नगर, थाटीपुर आदि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में श्री मेवाणी के जाने पर कोई अप्रिय स्थिति न बने। साथ ही इस बात की मॉनिटरिंग रखी जा रही थी कि श्री मेवाणी अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लोगों के बीच पहुंचकर कोई आपत्तिजनक मैसेज तो नहीं दे रहे।
जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि राजस्थान में हमने आंदोलन किए, तब वहां की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने लगातार केस दर्ज कराए और हमें रोकने की कोशिश की। लेकिन मैं मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने मुझ पर कार्रवाई करने या मुझे रोकने जैसी नादानी भरी हरकत नहीं की।