GWALIOR: जयारोग्य अस्पताल के जूनियर डॉक्टर, नर्सेस एवं लैब टेक्नीशियन सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। शासकीय नर्सेस एवं लैब टेक्नीशियन दो दिन तक केवल दो घंटे काम बंद करके धरने में शामिल होंगे, लेकिन 25 जुलाई तक यदि मांगें नहीं मानीं जाती हैं तो वे भी हड़ताल पर चले जाएंगे। ऐसे में जेएएच की व्यवस्थाएं पूरी तरह से इंटर्न एवं नर्सिंग छात्राओं के कंधों पर आ जाएगी। आंदोलन के कारण मरीजों को उपचार, देखभाल से लेकर जांचों तक की परेशानी झेलना पड़ेगी। सातवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से दिया जाए, समयमान वेतनमान का लाभ, एनपीएस स्कीम का लाभ, स्वशासी कर्मचारियों को तीन व चार वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाए, स्वशासी की जगह शासकीय घोषित करते हुए शासन की घोषणाओं का लाभ दिया जाए।
जयारोग्य अस्पताल में सीनियर डॉक्टर तो ओपीडी के बाद ऑन कॉल ही उपलब्ध होते हैं, जबकि पूरे टाइम व्यवस्था जूनियर डॉक्टर एवं नर्सेस ही संभालती हैं। ऐसे में जूडा एवं नर्सेस के हड़ताल पर जाने से जेएएच प्रबंधन के साथ ही मरीजों की परेशानी खासी बढ़ जाएगी। हालांकि जेएएच ने 150 इंटर्न एवं 700 नर्सिंग छात्राओं की ड्यूटी लगाई है। खास बात यह है कि नर्सिंग छात्राएं अब तक सीनियर नर्सों की मॉनिटरिंग में काम करती हैं, ऐसे में केनुला लगाने जैसे काम का अनुभव नहीं होने पर मरीज को कष्ट झेलना पड़ेगा। वहीं जूनियर डॉक्टरों के मौजूद नहीं होने से इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टरों को पूरे समय मौजूद रहना होगा। यदि कंसल्टेंट या सीनियर डॉक्टर मौजूद नहीं रहे तो मरीजों की जान भी संकट में पड़ सकती है। हालांकि जेएएच प्रबंधन ने कंसल्टेंट की नाइट ड्यूटी लगाने के साथ ही एचओडी को मॉनिटरिंग की जिम्मेदार सौंप दी है, लेकिन यह व्यवस्थाएं कितनी कारगर सिद्ध होंगी यह तो हड़ताल के दौरान ही पता चलेगा।
सुरक्षा, हॉस्टल में व्याप्त अव्यवस्थाएं, घटिया ड्यूटी रूम, बढ़ी फीस कम की जाए, स्टॉयफंड बढ़ाने की मांग शामिल हैं। फर्स्ट इयर का स्टॉयफंड 67 हजार, सेकंड इयर 68 हजार एवं थर्ड इयर को 69 हजार स्टॉयफंड दिया जाए।
सीनियर डॉक्टर के राउंड लेकर जाने के बाद मरीजों को दवाई देने से लेकर इमरजेंसी हैंडल करना भी जूनियर डॉक्टरों की जिम्मेदारी होती है। इसलिए जूडा को अस्पताल की रीढ़ भी कहा जाता है। जबकि इंटर्न अभी छात्र हैं, ऐसे में मरीजों के उपचार में दिक्कत आना तय है। मरीजों को सुबह दवाई देना, बेडशीट बदलवाना, इंजेक्शन लगाना, ऑपरेशन असिस्ट करना सहित सभी काम संभालती हैं। ऐसे में हड़ताल के कारण ऑपरेशन नहीं हो सकेंगे, ओटी में वेटिंग बढ़ेगी। केवल इमरजेंसी ऑपरेशन ही हो सकेंगे। सातवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से दिया जाए, समयमान वेतनमान का लाभ मिले, स्वशासी शब्द हटाकर शासकीय माना जाए एवं शासन की सभी घोषणाओं का लाभ दिया जाए। अन्य मांगें नर्सेस के समान ही हैं।
एक्सरे, सिटी स्कैन, कीमोथैरेपी, डायलिसिस एवं सीपीएल में ब्लड की जांचों का काम लैब टेक्नीशियन के जिम्मे होता है। ऐसे में हड़ताल के कारण केवल इमरजेंसी मरीजों की ही जांचें हो सकेंगी, ओपीडी में पहुंचने वालों को परेशानी उठाना पड़ेगी। कीमोथैरेपी एवं डायलिसिस में भी दिक्कत आएगी।
जेएएच में करीब 80 शासकीय नर्सेस एवं करीब 40 शासकीय लैब टेक्नीशियन हैं। यह दो दिन तक दो घंटे काम बंद करके हड़ताल में शामिल होंगे। सोमवार को जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन को सूचना पत्र दिया जाएगा, जिसमें बताया जाएगा कि यदि मांग पूरी नहीं होती हैं तो वे भी 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल हो जाएंगे। जिससे अस्पताल की पूरी व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव राधेश्याम जुलानिया ने मांगों पर चर्चा के लिए 23 जुलाई को नर्सेस एवं लैब टेक्नीशियनों को भोपाल बुलाया है। ऐसे में सभी नर्सेस ग्वालियर में धरना देंगी, जबकि 6 लोग प्रदेशाध्यक्ष रेखा परमार के नेतृत्व में पीएस से मिलने के लिए भोपाल जाएंगे। मांगें पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रहेगी।
वर्जनः
जूनियर डॉक्टरों ने हमें हड़ताल की कोई सूचना नहीं दी है, ऐसे में यदि वह बिना सूचना काम बंद करते हैं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। नर्सेस ने पूर्व में सूचना दी है इसलिए हमने वैकल्पिक इंतजाम कर दिया है, जिससे मरीजों को दिक्कत नहीं उठाना पड़ेगी।
डॉ. जेएस सिकरवार, अधीक्षक जेएएच
वर्जनः
सेंट्रल जेडीए ने हड़ताल की पूर्व सूचना 7 दिन पहले भोपाल में दे दी थी। सेन्ट्रल जेडीए के आह्वान पर ही ग्वालियर के जीआर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर भी 23 जुलाई से हड़ताल पर रहेंगे।
अनिल शर्मा, जूनियर डॉक्टर एवं अध्यक्ष पद के दावेदार