भोपाल। सेंट्रल लाइब्रेरी में रविवार को सिविल सर्विसेज क्लब की ओर से 'आईएएस टॉपर से मिलें' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर इस साल मध्यप्रदेश से आईएएस एग्जाम में टॉप करने वाली तपस्या परिहार ने सिविल सेवा की तैयारी करने वाले शहर के युवाओं से अपने अनुभव साझा किए। इस वर्कशॉप में लगभग 400 प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया। तपस्या ने उन्हें अपनी सफलता की कहानी सुनाई और उन्हें आगाह किया कि वे सिविल सेवा की तैयारी के लिए भेड़चाल में न चलें, बल्कि तैयारी करने का अपना तरीका विकसित करें व उस पर पूरा भरोसा करें।
STORY OF TAPASY PRIHAR IAS TOPPER
उन्होंने कहा कि मैंने अपनी स्कूलिंग नरसिंहपुर से की है, 12वीं क्लास पास करने के बाद मुझे ये भी पता नहीं था। मेरे पास क्या-क्या कॅरियर ऑप्शन हैं। मेरा व्यक्तित्व किस करियर के लिए ठीक है, इसलिए सबकी तरह मैंने जेईई की कोचिंग में एडमिशन ले लिया था। इंजीनियरिंग कठिन लगी तो लॉ में एडमिशन लिया। जेईई की कोचिंग में मुझे 4-5 दिन में ही यह एहसास हो गया था कि इंजीनियरिंग मेरे बस की बात नहीं है, इसलिए मैंने लॉ में एडमिशन ले लिया। कॉलेज की पढ़ाई करने जब में पुणे गई, तब मुझे पता चला कि दुनिया में और कितनी चीजें हैं सीखने के लिए और बड़े शहरों से पढ़ कर आए मेरे क्लासमेट्स को मुझसे कितना ज्यादा आता है। मैंने तभी पढ़ाई के साथ-साथ खुद को एक बड़े शहर के बच्चों की तरह ग्रूम करना शुरू किया। हरसंभव एक्टिविटी में भाग लेकर अपने एक्सपोजर व स्किल्स को बेहतर करने लगी। कॉलेज में हुई मेरी इसी ग्रूमिंग ने मुझे आईएएस बनने में सबसे ज्यादा मदद की।
COLLEGE की पढ़ाई के साथ IAS की COACHING ना करें
ऐसा करने से आप दोनों तरफ से नुकसान उठाते हैं। न तो आप कॉलेज अच्छे से कर पाते हैं और न ही आप ढंग से आईएएस की तैयारी कर पाते हैं।
IAS की COACHING के लिए DELHI जरूरी नहीं
मैंने दिल्ली जाकर जाना कि यहां ऐसा कुछ नहीं पढ़ाते जो हमारे शहर में नहीं पढ़ सकते।
COACHING की बजाय मेंटर ढूंढ़िए
कोचिंग के पीछे पागल होने की बजाय अपने लिए एक ऐसा मेंटर ढूंढ़िए, जो आपको समझता हो और जिसके पास आपके लिए समय भी हो।
IAS के लिए किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा महत्व नहीं रखता
मैंने अपने स्कूल में केवल किताबी पढ़ाई की, जबकि इस परीक्षा में सफलता के लिए किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा महत्व नहीं रखता।
समय के दवाब में मत आओ
तैयारी करने वाले खुद को एक समयसीमा से बांध लेते हैं, जिसके कारण वे बहुत दबाव में आ जाते हैं।
IAS EXAM पास करने के लिए मत पढ़ो
आईएएस का सिलेबस बड़ा है, बोर हो जाते है। कभी भी एग्जाम के लिए नहीं, बल्कि दुनिया को जानने के लिए पढ़ो।
सिलेबस को जिंदगी से जोड़कर देखो
आईएएस का पूरा सिलेबस आपकी जिंदगी से गहरे जुड़ा हुआ है। हम इस सिलेबस को अपनी जिंदगी से जोड़कर देखेंगे तो हम दूसरे से बेहतर उत्तर लिख पाएंगे।
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