BHOPAL: इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है लेकिन अगर आप चाहें तो अंतिम तारीख का इंतजार ना करते हुए आज ही अपना इनकम टैक्स रिटर्न आप खुद भी भर सकते हैं। सिर्फ 15 मिनट लगेंगे। आज रविवार है और हो सकता है कि आपके पास फुरसत के कुछ पल होंगे। अगर ऐसा है तो हमारी सलाह है कि आपने अभी तक ITR फाइल नहीं की है तो आज कर लीजिए। वैसे तो हम नौकरीपेशा लोगों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है, लेकिन लास्ट डेट तक इंजतार क्यों करें? आइए, हमारी मदद से 15 मिनट में ऑनलाइन आईटीआर फाइल करिए। आईटीआर फाइल करने से पहले इस बारे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सामान्य निर्देशों के बारे जानना जरूरी है, इसलिए पहले यह पढ़ लीजिए- ITR फाइल करने से पहले इसके बारे में जानें सबकुछ।
ये डॉक्युमेंट्स अपने पास रख लीजिए
1. PAN
2. आधार
3. Form16
4. Form16A
आपके जितने भी बैंक अकाउंट हैं, सभी की 31 मार्च 2018 तक अपडेट हुई स्टेटमेंट या पासबुक तैयार रखें। हर बैंक अकाउंट में देखें कि सालभर में कितना बैंक इंट्रेस्ट दिया गया है। यह साल में चार बार दिया जाता है। सभी का टोटल करें।
अगर आपकी कोई FD है, तो बैंक या पोस्ट ऑफिस जाकर उसका Accrued Interest मालूम कर लें। ये दोनों तरह के ब्याज आपको रिटर्न फॉर्म में Income from Other Sources में दिखाने हैं। रिटर्न में आपको Deduction under Chapter VI-A में भी 80C आदि की जानकारी देनी होती है, जिसके आधार पर आपको इनकम टैक्स में कटौती मिलती है। मसलन: इंश्योरेंस, पीपीएफ, मेडिक्लेम, ट्यूशन फीस आदि। इन्हें भरने के लिए आप Form16 के Part B की मदद लें, क्योंकि इन निवेश और खर्चों की जानकारी अपने ऑफिस में पहले ही दे चुके होते हैं। अगर कोई निवेश या खर्च ऑफिस में दर्ज कराने से छूट गया है तो उसे अब आप रिटर्न में बताकर अपनी टैक्स देनदारी घटा सकते हैं और रिफंड क्लेम कर सकते हैं। होम लोन/ब्याज के सर्टिफिकेट (यह लोन देने वाली संस्था से मिल जाएगा) और खर्चों, निवेश के पेपर लेकर जाएं।
फॉर्म भरने से पहले करें टैक्स कैलकुलेट
अपना टैक्स जानने के लिए आप टैक्स कैलकुलेटर की मदद ले सकते हैं। यह इनकम विभाग की वेबसाइट पर भी है। इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in खोलें। लेफ्ट में Quick Links में नीचे में तीसरे स्थान पर Tax Calculator मिलेगा। इसकी हेल्प से अपना टैक्स इस प्रकार कैलकुलेट करें
Tax Calculator पर क्लिक करने के बाद Tax Tools वाला पेज खुल जाएगा। यहां आप Individual/HUF वाला ऑप्शन चुनें। इसके नीचे आपको कुछ बॉक्स मिलेंगे। इनमें दूसरी लाइन में दूसरे नंबर पर Income and Tax calculator का बॉक्स मिलेगा। इसे क्लिक करें। इसके बाद आपको कुछ ऑप्शन मिलेंगे। सबसे पहले Assessment Year में 2018-19 को सिलेक्ट करें। शुरू की जानकारी देने के बाद आप पांचवें नंबर पर Income from Salary भरें। इसका जिक्र आपको फॉर्म 16 में मिलेगा। इसके लिए आप फॉर्म 16 का Part B खोलें। यहां Gross Salary में दी गई रकम में से u/s 10 के तहत दिए गए Allowances घटाने के बाद जो रकम आएगी, उसे Income from Salary में भरें। अब अगर आपकी हाउस प्रॉपर्टी से आमदनी (किराया) है, तो उसे यहां लिखें। वैसे अगर आपके पास कैपिटल गेंस से आमदनी है, तो आप उसे यहां किसी एक्सपर्ट की मदद से भर सकते हैं। इसके बाद आप Income From Other Sources में जाकर राइट साइट में लिखे Show Details पर क्लिक करें। अब यहां कुल Interest की रकम भरें। अब कैलकुलेटर में थोड़ा नीचे की ओर दिए गए Deductions पर आ जाएं। इस लाइन में आपको राइट साइड में Show Details लिखा मिलेगा। इसे क्लिक करें। यहां आपको पहला ऑप्शन Life Insurance premium paid का मिलेगा। अगर आपने कोई बीमा कराया है, तो उसकी प्रीमियम की अमाउंट यहां भरें। इसके बाद आपको अन्य ऑप्शन जैसे PPF, NSC, ULIP, MF/UTI आदि मिलेंगे। अगर आपको पास इनमें से कुछ है, तो उसकी प्रीमियम का जिक्र करें। इसके बाद आता है Tuition fees paid for children का ऑप्शन। इसके अंतर्गत आप किन्हीं दो बच्चों की पढ़ाई के खर्च पर आप छूट ले सकते हैं, बच्चों की उम्र कुछ भी हो। इसमें अधिकतम सीमा 1.50 लाख रुपये है। एजुकेशन फुलटाइम होनी चाहिए। प्राइवेट ट्यूशन या कोचिंग आदि में दी गई फीस इसमें नहीं चलेगी। साथ ही किताबों पर होने वाले खर्च, दाखिले के वक्त दिया गया डोनेशन, कैपिटेशन फीस, एडमिशन फीस, ऐनुअल चार्जेज (वार्षिक शुल्क), डिवेलपमेंट चार्ज आदि भी इसमें शामिल नहीं कर सकते। इन्हें भरने के बाद इनका टोटल अपने आप हो जाएगा। यहां ध्यान रहे, आप चाहे सेविंग की कितनी भी अमाउंट भर दें, लेकिन नियमानुसार आपको सिर्फ 1.50 लाख तक की ही छूट मिल सकती है। इसके बाद आप मेडिकल क्लेम प्रीमियम और अन्य सेविंग के बारे में जानकारी दें। सारी चीजें भरने के बाद Net Taxable Income अपने आप आ जाएगी। अब आपको Form 16 के Part A की जरूरत होगी। इसमें कंपनी द्वारा काटे गए TDS का जिक्र होता है। अगर TDS की रकम Net Payable Tax से ज्यादा है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। यही नहीं, इसका अर्थ हुआ कि सरकार के आप आपका ज्यादा पैसा जमा हो गया है और इसे पाने के लिए आप क्लेम कर सकते हैं। आपको यह क्लेम आईटीआर फाइल करते समय करना होगा। वहीं अगर TDS की रकम Net Payable Tax से कम है, तो बची रकम पर कुछ सेस लगने के बाद आपको इसे टैक्स के रूप में देना होगा। और अगर TDS और Net Payable Tax की अमाउंट बराबर है, तो आपको न कुछ देना है और न ही कुछ लेना है। अब अगर आप पर टैक्स लायक रकम निकलती है, तो आपको आगे की प्रक्रिया से पहले इसे जमा कराना होगा। आप इसे ऑनलाइन या बैंक जाकर चालान फॉर्म के जरिए जमा करा सकते हैं। रिटर्न फाइल करते समय आपको चालान संख्या देनी होगी। कटौती बढ़ा-चढ़ाकर न दिखाएं: आमदनी कम और कटौती को बढ़ा-चढ़ाकर न दिखाएं। आप पर कार्रवाई हो सकती है। सभी बैंक अकाउंटों की जानकारी दें: बैंक का खाता चाहे वह चल रहा हो या फाइनैंशल इयर में बंद हो गया हो, रिटर्न भरते समय सबकी जानकारी दें। अगर जॉइंट अकाउंट है तो अकाउंट होल्डरों की जानकारी दें। एक्सपर्ट से राय लें: अगर आपको किसी भी चीज को समझने में परेशानी आती है तो एक्सपर्ट की राय लें।
ई - रिटर्न फाइल करने के लिए रजिस्ट्रेशन
ई-रिटर्न फाइल करने से पहले आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। हो सकता है कि ज्यादातर लोगों ने पहले से रजिस्ट्रेशन कर रखा हो, नए यूजर्स रजिस्ट्रेशन के लिये इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं। यहां आपको राइट साइड में ऊपर की तरफ New To e-Filing? लिखा मिलेगा। इसके ठीक नीचे लिखे Register Yourself पर क्लिक करें। यहां क्लिक करने के बाद आपको Select User Type मिलेगा। अगर आप अपने लिए आईटीआर फाइल करना चाहते हैं तो आप Individual पर और फिर Continue पर क्लिक करें। यूजर टाइप सिलेक्ट करने के बाद आपको अपना पैन, नाम, जन्मतिथि, रेसिडेंशल स्टेटस आदि भरनी होंगी।
NOTE : अगर आपका सिर्फ फर्स्ट नेम है। मिडल या सरनेम नहीं है। मसलन, संजय सिंह या संजय कुमार सिंह ना होकर नाम सिर्फ संजय है और यही नाम आपके पैन और आधार कार्ड पर भी है तो आपको Surname वाले बॉक्स में संजय लिखना होगा ना कि फर्स्ट नेम वाले बॉक्स में। ऐसे में मिडल और फर्स्ट नेम वाले बॉक्स को खाली छोड़ना होगा।
इसे भरने के बाद Continue पर क्लिक करें। यहां एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म आएगा, जिसमें आपको अपनी कुछ व्यक्तिगत जानकारी देनी होगी। साथ ही आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट पर अकाउंट खोलने के लिए एक पासवर्ड भरना होगा। तीसरे स्टेप में आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी पर रजिस्ट्रेशन वेरिफिकेशन कोड भेजे जाएंगे। इन्हें भरकर आप चौथे स्टेप में पहुंच जाएंगे। चौथे स्टेप में आपको ट्रांजेक्शन और यूजर आईडी का मेसेज डिस्प्ले होगा। यह जानकारी आपको आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ई-मेल पर भी भेज दी जाएगी। अब आपका अकाउंट इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर बन गया है। इसके बाद आपको ऑनलाइन रिटर्न की प्रक्रिया शुरू करनी होगी।
इसे भरने के बाद Continue पर क्लिक करें। यहां एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म आएगा, जिसमें आपको अपनी कुछ व्यक्तिगत जानकारी देनी होगी। साथ ही आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट पर अकाउंट खोलने के लिए एक पासवर्ड भरना होगा। तीसरे स्टेप में आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी पर रजिस्ट्रेशन वेरिफिकेशन कोड भेजे जाएंगे। इन्हें भरकर आप चौथे स्टेप में पहुंच जाएंगे। चौथे स्टेप में आपको ट्रांजेक्शन और यूजर आईडी का मेसेज डिस्प्ले होगा। यह जानकारी आपको आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ई-मेल पर भी भेज दी जाएगी। अब आपका अकाउंट इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर बन गया है। इसके बाद आपको ऑनलाइन रिटर्न की प्रक्रिया शुरू करनी होगी।
फॉर्म 26AS को चेक करें
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन करते ही सबसे पहले आप अपना फॉर्म 26AS चेक करें। यह वह फॉर्म होता है, जिसमें कंपनी द्वारा काटे गए TDS और उसके TAN का जिक्र होता है। इसके लिये सबसे पहले IT डिपार्टमेंट की वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं और लॉगइन करें।
यहां ऊपर लेफ्ट में My Account पर जाकर ऑप्शन View Form 26AS (Tax Credit) पर क्लिक करें। Confirm पर क्लिक करें और फिर एक दूसरी टैब खुल जाएगी। यह TDSCPC की बेवसाइट होगी। यहां आपको I agree... पर क्लिक कर Proceed पर क्लिक करना होगा। इसके बाद नीचे Click View Tax Credit (Form 26AS) to view your Form 26AS दिखाई देखा। इसमें View Tax Credit (Form 26AS) पर क्लिक करते ही अापका फॉर्म 26AS आ जाएगा। आपको जिस असेसमेंट इयर के बारे में जानकारी चाहिए उसे क्लिक करें और फिर View As में HTML पर सिलेक्ट करें। इसके बाद ठीक नीचे View/Download पर क्लिक करें। इसके बाद आप TDS की जानकारी देख सकते हैं।
बिना डाउनलोड किए ITR फाइल
इसमें आईटीआर-1 फॉर्म भरने में आपको करीब 15 मिनट का समय मिलेगा। सबसे पहले incometaxindiaefiling.gov.in पर जाकर Registered User? में अपनी User ID, पासवर्ड और Captcha Code डालकर लॉगनइन करें। इसके बाद आप ऊपर ही दिए e-File के ऑप्शन में जाएं। यहां आपको पहला ऑप्शन Income Tax Return का मिलेगा। इसे क्लिक करें और यहां असेसमेंट ईयर 2018-19 सिलेक्ट करें। इसके बाद आईटीआर फॉर्म की लिस्ट में ITR-1 (या जो भी हो) सिलेक्ट करें और सबमिशन मोड में Prepare and Submit Online सिलेक्ट करें। यहां आपको वेरिफिकेशन के तीन ऑप्शन मिलेंगे। अगर आप ई-वेरिफिकेशन चाहते हैं, तो आधार ओटीपी या EVC में से किसी एक का विकल्प चुनें। अगर आप फॉर्म को सबमिट करने के बाद डाक से बेंगलुरु भेजना चाहते हैं, तो तीसरे विकल्प को चुनें। ई-वेरिफिकेशन के जरिए आईटीआर फाइल करने के तुरंत बाद ही आपके पास कंफर्मेशन मेसेज आ जाता है, लेकिन भरा हुआ फॉर्म बेंगलुरु भेजने के बाद आपको कंफर्मेशन का इंतजार करना पड़ता है। बेहतर है कि आप ई-वेरिफिशन का प्रयोग करें।
आधार OTP: यहां पर क्लिक करने के बाद ओटीपी आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर आएगा। इसे भरने के बाद आपको आईटीआर फाइल होने का कंफर्मेशन मेसेज आपके मोबाइल पर भेज दिया जाएगा।
EVC: इस विकल्प में बैंक द्वारा एक नंबर जेनरेट होता है, जो 72 घंटे तक वैलिड रहता है। इस 72 घंटे में आपको आईटीआर वेरिफाई कराना पड़ता है। यह नंबर आपको एटीएम से मिलता है। हालांकि, यह सुविधा केवल कुछ बैंक ही देते हैं।
IRT-V: तीसरे विकल्प में ई-वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होती। इसमें आईटीआर भरकर और उसकी सॉफ्ट कॉपी का प्रिंटआउट लेते हैं। इस पर साइन कर साधारण डाक या स्पीड पोस्ट से Centralised Processing Centre, Income Tax department, Bengaluru 560500 के पते पर भेजना होता है। हालांकि बेहतर होगा कि आप आधार OTP का प्रयोग करें। अगर आप आधार OTP का ऑप्शन चुनेंगे तो उसे सिलेक्ट करने के बाद Continue पर क्लिक करें। अब आपके सामने आईटीआर-1 फॉर्म खुल जाएगा। यहां आपको छह टैब मिलेंगे: Instructions, Part A General Information, Computation of Income and Tax, Tax Details, Taxes Paid And Verification और 80 G । फॉर्म भरते समय जरूरी नहीं कि आपको सभी जानकारियां देनी होंगी। जो जानकारी आपके लिए जरूरी नहीं है, उसे छोड़ दें। कुछ जानकारियां कंप्यूटर खुद भर देगा। आपके जानकारी भरते ही आगे की जानकारी खुद आ जाएगी।
पहले टैब में दी गईं इंस्ट्रक्शंस ध्यान से पढ़ें। हर टैब को भरने के बाद टैब के ऊपर और नीचे दोनों ओर Save Draft करते जाएं। अगर कंप्यूटर अचानक बंद हो जाता है या समय पूरा हो जाता है, तो ऐसे में आपका भरा हुआ उतना फॉर्म सेव रहेगा और आप फिर से लॉगइन करके आगे का फॉर्म भर सकोगे। अब दूसरे टैब में आ जाएं। यहां आपको आपकी जनरल इंफर्मेशन रहेगी। यह इंफर्मेशन आपको भरी हुई मिलेगी। कुछ चीजें आपको भरनी होंगी। तीसरे टैब में आपको अपनी इनकम और डिडक्शन के बारे में जानकारी देनी है। यह जानकारी आपको फॉर्म 16 में मिल जाएगा। यहां ये जानकारी आपको उसी तरह भरनी है, जैसे कैलकुलेटर में भरी थी। चौथे टैब में आपको फॉर्म-16 में काटे गए टैक्स डिडक्शन के बारे में जानकारी भरनी है। अगर इसमें कोई परेशानी आए तो किसी एक्सपर्ट से सलाह लें। अगर सैलरी के अलावा आपकी कोई आमदनी नहीं है, तो अगले तीन स्थान खाली छोड़ दें। आखिरी स्थान पर अगर आपने टैक्स कैलकुलेट करने के बाद उसे भरा है, तो उसकी डिटेल्स यहां भरें।पांचवें टैब का अधिकतर हिस्सा अपने आप भरा होगा। यदि कोई रिफंड होगा, तो वह भी दिखाई देगा। साथ ही यहां आपको बैंक अकाउंट की जानकारी और वेरिफिकेशन का ऑप्शन मिलेगा।
छठे टैब में भी आपको टैक्स में कुछ अन्य छूट के बारे में जरूरी है तो जानकारी देनी होगी। इसके बाद आप इस पेज के नीचे ही दिए Preview and Submit पर क्लिक करें। भरा हुआ पूरा फॉर्म सही से चेक करें और कन्फर्म होने पर सबमिट कर दें। यहां प्रिंट का ऑप्शन आएगा। अगर आपने आईटीआर वाया डाक बेंगलुरू भेजने का ऑप्शन चुना है तो आपके लिए फॉर्म भरने की प्रक्रिया पूरी हो गई। आप प्रिंट लेकर उसे डाक से भेज दें। लेकिन अगर आपने ई-वेरिफिशन का विकल्प चुना है तो इसके बाद आपके आधार से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा। इसे फीड करने के बाद आपको आईटीआर कंप्लीट होने का मेल और मेसेज आ जाएगा। लो हो गया आपका आईटीआर फाइल।
डाउनलोड कर ITR फाइल करना
ITR-1 डाउनलोड करने के बाद फॉर्म भरने की प्रक्रिया बिना डाउनलोड किए फॉर्म को भरने की तरह ही है, लेकिन इसमें कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है जैसे कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in से आप फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। फॉर्म में दी जाने वाली सभी जरूरी जानकारी पहले ही इकट्ठी कर लें। फॉर्म के सबसे नीचे पांच टैब (पहला Income Details, दूसरा TDS, तीसरा TCS, चौथा Taxes Paid and Verification और पांचवां 80G) दिए गए हैं। सभी टैब में जरूरी जानकारी भरनी है। हर टैब के फॉर्म के राइट साइड में कुछ ऑप्शन दिए गए हैं जैसे Validate, Next आदि। बारी-बारी से हर टैब भरें। शुरूआत Income Details से करें। हर टैब के फॉर्म को भरने के बाद Validate पर क्लिक करें। अगर कुछ जानकारी छूट गई है तो इससे अपने आप पता चल जाएगा। एक टैब का फॉर्म पूरा भरने के बाद Next पर क्लिक कर आगे के टैब पर बढ़ते जाएं। पूरा फॉर्म भरने के बाद फॉर्म के राइट साइड में दिए ऑप्शन Gererate XML पर क्लिक करें। यहां कंप्यूटर द्वारा बनाई गई XML फाइल आपके कंप्यूटर में सेव हो जाएगी। इस बारे में कंप्यूटर की स्क्रीन पर मेसेज भी आएगा कि XML कहां सेव हुई है।
डाउनलोड कर भरे फॉर्म को सबमिट करना
1. सबसे पहले इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर लॉगइन करें। यहां ऊपर ही आपको e-File का विकल्प मिलेगा। यहां क्लिक कर Income Tax Return पर क्लिक करें। इसके बाद आपको पैन भरना होगा, असेसमेंट इयर चुनना होगा। यहां आप 2018-19 पर क्लिक कर सिलेक्ट करें। फिर आपको आईटीआर फॉर्म का नाम सिलेक्ट करना होगा। यहां आपको पांच आईटीआर फॉर्म मिलेंगे। आपको ITR-1 फॉर्म भरना है तो ITR-1 पर सिलेक्ट करें। अब Submission Mode चुनना होगा। यहां आपको दो ऑप्शन Upload XML और Prepare and Submit Online मिलेगा। चूंकि आपने आईटीआर फॉर्म भरने के बाद Generate XML किया था, इसलिए आप सबमिशन मोड में Upload XML सिलेक्ट करें। Upload XML सिलेक्ट करते ही इनकम टैक्स रिटर्न वेरिफाई करने के लिए तीन विकल्प आएंगे। पहला विकल्प आधार ओटीपी, दूसरा विकल्प EVC और तीसरा विकल्प ITR-V होगा। इसका मतलब इस प्रकार है:
आधार OTP : यहां पर क्लिक करने के बाद ओटीपी आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर आएगा। इसे भरने के बाद आपको आईटीआर फाइल होने का कंफर्मेशन मेसेज आपके मोबाइल पर भेज दिया जाएगा।
EVC: इस विकल्प में बैंक द्वारा एक नंबर जेनरेट होता है, जो 72 घंटे तक वैलिड रहता है। इस 72 घंटे में आपको आईटीआर वेरिफाई कराना पड़ता है। यह नंबर आपको एटीएम से मिलता है। हालांकि यह सुविधा केवल कुछ बैंक ही देते हैं।
IRT-V: तीसरे विकल्प में ई-वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होती। इसमें आईटीआर भरकर और उसकी सॉफ्ट कॉपी का प्रिंटआउट लेते हैं। इस पर साइन कर साधारण डाक या स्पीड पोस्ट से Centralised Processing Centre, Income Tax departmen Bengaluru, 560500 के पते पर भेजना होता है। हालांकि बेहतर होगा कि आप आधार आेटीपी का प्रयोग करें।
COMMON MISTAKES
लोग सोचते हैं कि टैक्स भर देना ही काफी है। यह गलत है। टैक्स भरा है तो आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है। गलत फॉर्म चुन लेना। अगर फॉर्म के सबमिट होने के बाद गलती का पता चले तो ऐसे में आप आईटीआर फॉर्म की जनरल इंफर्मेशन या इनकम डिटेल में मौजूद Wheather Original or Revised return में Revised पर क्लिक करें और आईटीआर फाइल करने की प्रक्रिया फिर से दोहराएं। ऐसा कितनी भी बार कर सकते हैं। ऐसी छोटी इनकम जो बैंकिंग सिस्टम में आ चुकी होती है, का जिक्र आईटीआर में नहीं करना। इससे बचें। हर बैंक ट्रांजैक्शन पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर रहती है। फॉर्म में फोन नंबर, आधार नंबर, पैन नंबर गलत डालना। सारे नंबर्स कन्फर्म करके ही भरें। नाम, ईमेल आईडी, पोस्टल अड्रेस आदि भरते समय स्पेलिंग चेक न करना। गलत जानकारी देंगे तो इनकम टैक्स का नोटिस या कोई जानकारी मांगने वाला मेल आप तक नहीं पहुंचेगा और बाद में आपको परेशानी हो सकती है। फॉर्म भरते समय फॉर्म 26AS को फॉर्म 16 नहीं मिलाना। अगर फॉर्म 26AS और फॉर्म 16A में TAN और PAN के डिटेल्स मैच नहीं हुए तो आप TDS क्रेडिट क्लेम नहीं कर पाएंगे। एक फाइनैंशल इयर में दो जगह जॉब करने के बावजूद पिछली कंपनी से हुई आमदनी का ब्योरा न देना। अगर आपने फाइनैंशल इयर में जॉब बदली है, तो आपको दोनों (या जितनी हों) कंपनियों से हुई इनकम के बारे में जानकारी देनी होगी। डिडक्शन वाले कॉलम में टैक्स बचाने के लिए जानबूझकर गलत जानकारी भरना। ऐसा करेंगे तो बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं।
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लोग सोचते हैं कि टैक्स भर देना ही काफी है। यह गलत है। टैक्स भरा है तो आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है। गलत फॉर्म चुन लेना। अगर फॉर्म के सबमिट होने के बाद गलती का पता चले तो ऐसे में आप आईटीआर फॉर्म की जनरल इंफर्मेशन या इनकम डिटेल में मौजूद Wheather Original or Revised return में Revised पर क्लिक करें और आईटीआर फाइल करने की प्रक्रिया फिर से दोहराएं। ऐसा कितनी भी बार कर सकते हैं। ऐसी छोटी इनकम जो बैंकिंग सिस्टम में आ चुकी होती है, का जिक्र आईटीआर में नहीं करना। इससे बचें। हर बैंक ट्रांजैक्शन पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर रहती है। फॉर्म में फोन नंबर, आधार नंबर, पैन नंबर गलत डालना। सारे नंबर्स कन्फर्म करके ही भरें। नाम, ईमेल आईडी, पोस्टल अड्रेस आदि भरते समय स्पेलिंग चेक न करना। गलत जानकारी देंगे तो इनकम टैक्स का नोटिस या कोई जानकारी मांगने वाला मेल आप तक नहीं पहुंचेगा और बाद में आपको परेशानी हो सकती है। फॉर्म भरते समय फॉर्म 26AS को फॉर्म 16 नहीं मिलाना। अगर फॉर्म 26AS और फॉर्म 16A में TAN और PAN के डिटेल्स मैच नहीं हुए तो आप TDS क्रेडिट क्लेम नहीं कर पाएंगे। एक फाइनैंशल इयर में दो जगह जॉब करने के बावजूद पिछली कंपनी से हुई आमदनी का ब्योरा न देना। अगर आपने फाइनैंशल इयर में जॉब बदली है, तो आपको दोनों (या जितनी हों) कंपनियों से हुई इनकम के बारे में जानकारी देनी होगी। डिडक्शन वाले कॉलम में टैक्स बचाने के लिए जानबूझकर गलत जानकारी भरना। ऐसा करेंगे तो बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं।
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