भोपाल। यातायात के नियम तोड़ने वालो को अब चालानी कार्यवाही के अलावा पूरे परिवार सहित यातायात के दफ्तर में हाजरी देनी होगी। आगामी शुक्रवार से इंदौर में इसकी शरूआत होगी। पुलिस काउंसलर नियम तोड़ने वाले को परिवार वालों के सामने समझाइश देंगे। वहां पर नियम न तोड़ने की शपथ भी दिलवाई जाएगी। हादसों में क्षतिग्रस्त वाहन, मौत के आंकड़े और कुछ शोर्ट फिल्म भी परिवार के सामने दिखाई जाएंगी। इस पूरी मुहिम के पीछे मकसद यह बताया जा रहा है कि वाहन चालक स्वःप्रेरणा से यातायात के नियमों का पालन करे।
इंदौर के डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र खुद इस व्यवस्था की मोनिटरिंग करेंगे। उनका कहना है कि 18 से 35 वर्ष के युवा सबसे ज्यादा ट्रैफिक रूल्स तोड़ते हैं। वह चालान भी भर देते हैं लेकिन फिर वही गलती करते हैं। इन्हें रोकने के लिए पुलिस अभियान चलाती रहती है। कई बार कैंप व नो-टालरेंस जोन जैसी सख्ती भी की लेकिन आदत में पूरी तरह सुधार नहीं दिखा। इसलिए अब प्रदेश में पहली बार इंदौर में ट्रैफिक परामर्श केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहे हैं।
ट्रैफिक एएसपी प्रशांत चौबे का प्लान
इस व्यवस्था का पूरा प्लान ट्रैफिक एएसपी प्रशांत चौबे ने तैयार किया है। इस केंद्र में ट्रैफिक एक्सपर्ट, रिटायर्ड पुलिस अधिकारी और बड़े काउंसलर बैठेंगे जो हर सोमवार और शुक्रवार को ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई (चालानों) के आधार पर किसी भी नियम तोड़ने वाले वाहन चालक को बुलाकर काउंसलिंग करेंगे। आरएलवीडी कैमरों में कैद बार-बार नियम तोड़ने वालों, ड्रिंक्स करके गाड़ी चलाने वालों या फिर तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने वाले हर वर्ग के लोगों की काउंसलिंग की जाएगी। इससे पहले भी लोगों को सतर्क करने के लिए कई जिलों के चौराहों पर प्रतीक स्वरूप दुर्घटनाग्रस्त वाहन रखे गए हैं। कई जगह एक्सीडेंट के डेंजर जोन में मरने वालों के आंकड़े लगाए गए लेकिन इनका ज्यादा असर नहीं हुआ।
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