जबलपुर। देश भर में स्वच्छता अभियान चल रहा है। गंदगी फैलाने वाले मॉब लिंचिंग का शिकार हो रहे हैं और मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में गंदगी का विरोध करने वाली छात्रा को टीसी थमा दी गई। मामला रांझी करौंदी ग्राम के शासकीय कन्या विद्यालय का है। यहां 11वीं की छात्रा ने स्पोर्टस टीचर के सामने गंदे टॉयलेट का मुद्दा उठाया तो टीचर भड़क गए। सीधे प्राचार्य के पास जा पहुंचे। प्राचार्य ने भी बिना सवाल जवाब के छात्रा को टीसी थमा दी।
क्या है मामला
रांझी करौंदी ग्रामी से नंगे पैर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंची ये छात्रा 11वी कक्षा मे पढ़ती है जिसे स्कूल प्रबंधन ने टीसी थमा दी। छात्रा के मुताबिक उसने टायलेट गंदा होने की शिकायत स्पोर्टस टीचर से की थी। स्पोर्टस टीचर ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना दिया। बोले टॉयलेट साफ करना मेरा काम नहीं है। तमतमाते हुए प्रिंसिपल के पास चले गए। प्रिंसिपल ने इसे छात्रा की अनुशासनहीनता माना और टीसी दे दी।
प्रभारी डीईओ ने भी छात्रा के व्यवहार को टीसी के लिए जिम्मेदार बताया है। अब यह मामला लोकल मीडिया की सुर्खियां बनता जा रहा है। सवाल यह है कि क्या किसी नाबालिक लड़की का व्यवहार, गंदगी से ज्यादा बड़ा मुद्दा हो सकता है। मुद्दा है कि टॉयलेट गंदा था और बहुत गंदा था। इसके लिए प्रिंसिपल को माफी मांगनी चाहिए और सफाई के लिए जिम्मेदार कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
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