GWALIOR: स्टूडेंटस को JOB दिलाने के लिए निजी कॉलेजों के लिए वोकेशनल कोर्स शुरू करना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे कॉलेज जो वाेकेशनल कोर्स शुरू करने से इनकार करेंगे उनकी सीटें कम हो जाएंगी। साथ ही शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए 5 साल पुराने निजी कॉलेजों को से निरीक्षण कराना होगा। ऐसा नहीं करने वाले कॉलेजों की सीटें कम की जाएंगी। इसके लिए जेयू प्रबंधन एक वर्कशॉप में कॉलेजों को विस्तृत जानकारी देगा। कॉलेजों ने यूजीसी के नियमानुसार वोकेशनल कोर्स शुरू किया तो छात्रों को रोजगार मिलने में मदद मिलेगी।
जेयू का फैसला क्यूँ है अनिवार्य/Why is JU's decision Compulsory
सत्र 2018-19 में वोकेशनल कोर्स शुरू करने के लिए एक भी कॉलेज ने उच्च शिक्षा विभाग में एनओसी के लिए आवेदन नहीं किया। इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने जेयू से जानकारी मांगी थी। जेयू ने कॉलेज संचालकों से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि बैचलर आॅफ वोकेशनल एजुकेशन कोर्स पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं। साथ ही छात्र ऐसे कोर्स में प्रवेश लेंगे इसकी गारंटी कौन लेगा? कॉलेजों द्वारा रुचि नहीं दिखाए जाने पर जेयू ने कोर्स शुरू करने की अनिवार्यता की है।
अंचल के नौ सरकारी कॉलेजों ने पहले छात्रों को प्रवेश दिया फिर जेयू से ली संबद्धता
अंचल के सत्र 2018-19 में 9 नए सरकारी कॉलेज खुले हैं। इनमें छात्रों को पहले प्रवेश दिया गया है। बाद में जेयू से संबद्धता लेने के लिए आवेदन किया। सोमवार को जेयू में कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित स्थायी समिति की बैठक में 9 सरकारी कॉलेजों को संबद्धता प्रदान करने की अनुशंसा प्रदान कर दी गई। अब मंगलवार को ईसी की होने वाली बैठक में इन्हें मंजूरी प्रदान की जाएगी। नए सरकारी कॉलेज कैलारस, बामौर (मुरैना), ढोढर, कराहल (श्योपुर), बदरवास, रन्नौद (शिवपुरी), शाढौरा, शहरई व पिपरई (अशोक नगर) में खुले हैं। इसके साथ ही परिनियम 28/17 के तहत शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने पर इंद्रप्रस्थ कॉलेज कैलारस को संबद्धता प्रदान कर दी गई। ऐसे कॉलेज जिनकी संबद्धता शिक्षकों की कमी के चलते खत्म कर दी गई थी, यदि वह 31 जुलाई तक नियुक्ति कर लेते हैं तो उन्हें इसी सत्र में संबद्धता मिल जाएगी।