ग्वालियर। लम्बे समय से विवादित हो चले जीवाजी विश्वविद्यालय में अब फर्जी डिग्री कांड का खुलासा हुआ है। जैसे एक ही सीरीज के कई नकली नोट छापे जाते हैं वैसे ही एक ही रोल नंबर पर कई डिग्रिंया छापी गईं हैं। नर्सिंग बेसिक पीजी कोर्स की एक ही रोल नंबर पर दो छात्राओं को डिग्रियां देने का मामला सामने आ गया है। 31170 रोल नंबर पर 2013 में बलेसि थॉमस नामक छात्रा को डिग्री दे दी गई जबकि इसी रोल नंबर पर 2014 में सोनल बेन बाबूभाई नामक छात्रा को नर्सिंग पीजी बेसिक की डिग्री दे दी गई। दोनों ही छात्राएं माधवी राजे नर्सिंग कॉलेज मुरैना की हैं। विश्वविद्यालय में मुरैना के एक छात्र नेता का भी नाम इन डिग्रियों को दिलाने में सामने आया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रथम दृष्टया माना है कि जिस तरीके से हस्तलिखित डिग्री तैयार की गई हैं, वह बड़ी गड़बड़ी का इशारा करता है। परीक्षा नियंत्रक का कहना है कि इस मामले एक कमेटी बनाकर जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी। जबकि एबीवीपी का आरोप है कि विश्वविद्यालय के गोपनीय शाखा में कई कर्मचारी और अधिकारी बरसों से जमे हुए हैं। इन लोगों के कारण यहां गड़बड़ियों की शिकायतें लगातार सामने आती रही हैं।
उन्होंने इसके लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों की कमेटी के बजाय जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ कमेटी बनाकर मामले की जांच की मांग की है। खास बात यह है कि इन दो छात्राओं में से एक भी छात्रा यहां की नहीं है। एक छात्रा बिहार की बताई गई है जबकि दूसरी कोलकाता की रहने वाली है। अब इन छात्राओं में से किसकी डिग्री सही है और किस की डिग्री गलत है, यह तय करना फिलहाल मुश्किल है।
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