भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है मध्यप्रदेश में प्रतिदिन मासूमों के साथ दुष्कर्म की घटनाऐं घटित हो रही हैं। ऐसा कोई दिन खाली नहीं जा रहा है, जब प्रदेश के किसी भी कोने से महिला अपराध की कोई खबर न आ रही हो। अभी फिर प्रदेश के धार जिले के धामनोद और सतना जिले के उचेहरा में मासूमों के साथ बलात्कार की वीभत्स घटनाऐं घटित हुई हैं। कमलनाथ ने कहा कि महिलाऐं व बेटियां प्रदेश में कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। अपराधियों और बलात्कारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है।
प्रदेश मासूमों से दुष्कर्म की घटनाओं के कारण देश में प्रतिदिन शर्मसार हो रहा है। पूरे प्रदेश में मासूम बच्चियों की सुरक्षा को लेकर भय और दहशत का माहौल फैल गया है। खुद को बच्चियों का मामा कहलवाने वाले शिवराज इन सब बातों से वेखबर विकास पर्व, जन आशीर्वाद यात्रा और चुनाव जीतने की रणनीतियां बनाने में लगे हुए हैं। जिस तरह से मासूमों के साथ दुष्कर्म की घटनाऐं बढ़ रही हैं, उससे लग रहा है कि पिछले कई वर्षों से दुष्कर्म को लेकर देश में अव्वल आ रहा प्रदेश, इस बार पूरे विश्व में अव्वल आयेगा? प्रदेश में दुष्कर्म के बढ़ते आंकड़े दिन प्रतिदिन भयावह होते जा रहे हैं।
बलात्कारियों को फांसी का कानून नहीं बनवा पाए थे शिवराज सिंह
कमलनाथ ने कहा कि आंकडे 4 दिसम्बर को 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म पर फांसी की सजा के विधेयक के विधानसभा में पारित होने के बाद, 14 दिसम्बर को खुद का प्रायोजित अभिनंदन करवा चुके शिवराज उसे कानून का रूप नहीं दिलवा सके। बाद में उन्नाव व कठुआ कांड के बाद 22 अप्रैल को राष्ट्रपति की मुहर के बाद देश भर में कानून बनने की घोषणा हुई।
अभिनंदन करवाकर सो गई शिवराज सिंह सरकार
मध्यप्रदेश में इसके बाद भी दरिंदगी की घटनाऐं नहीं रूकी, अपितु बढ़ी है। इस कानून के प्रावधान के बाद ऐसा लगता है कि प्रदेश की शिवराज सरकार सो गई है। दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने में वह नाकाम साबित हो रही है। अपराधियों में कानून का खौफ नजर नहीं आ रहा है।
कमलनाथ ने शिवराज सिंह से मांगा जवाब
शिवराज सरकार के पिछले 15 साल में बच्चों के खिलाफ अपराधों में 865 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 15 सालों में देश भर में दर्ज अपराधों में 16 प्रतिशत (95,324) सिर्फ मध्यप्रदेश में।
15 सालों में 23 हजार 563 बच्चें अगवा मध्यप्रदेश से।
एनसीआरबी आकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 में देश में दर्ज 28 हजार 947 बलात्कार की घटनाओं में अकेल मध्यप्रदेश में 4882 बलात्कार की घटनाओं के साथ देश में शीर्ष पर। देश में प्रतिदिन औसतन 55 बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाऐं घटित हो रही हैं। वहीं प्रदेश में हर दिन औसतन 15 बलात्कार की घटनाऐं हो रही हैं।
प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 25 बच्चे गायब हो रहे हैं। प्रदेश में गायब 5926 बच्चों में से 3987 नाबालिंग बच्चियां। प्रदेश की पुलिस 3987 में से 322 बच्चियों को ही खोज पायीं। 2017 में 2479 नाबालिगों के साथ बलात्कार की घटनाओं में प्रदेश, देश में अव्वल।
प्रदेश में एक जनवरी 2018 से 30 अप्रैल 2018 तक केवल चार माह में ही 1554 ज्यादती के मामले ।
वर्ष 2016 में महिला अपराधों में 11.18 प्रतिशत की बढ़ोतरी। वहीं 2017 में 8.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी।