भोपाल। मध्यप्रदेश में एक नई अघोषित योजना लागू हो गई है। जन आशीर्वाद यात्रा में सीएम शिवराज सिंह को आशीर्वाद दिलाओ, नोट कमाओ। यह योजना ग्राम पंचायत सचिव, सेवक, आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जैसे मैदानी कर्मचारियों के लिए है। इस संभावना से इंकार नही किया जा सकता है कि अन्य योजनाओं की तरह इस योजना का लाभ भी पात्र हितग्राहियों तक ना पंहुचे। इसमें भी घोटाला हो जाए। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने यह जानकारी साझा की है। उनका दावा है कि जन आशीर्वाद यात्रा में भीड़ को लाने के लिए प्रति व्यक्ति 300 रुपए खर्चा किया जा रहा है।
कांग्रेस में गुटबाजी खत्म करने के लिए एकता यात्रा पर निकले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने लिखा है कि: आशीर्वाद यात्रा में ज़िला प्रशासन बना भाजपा के लिये भीड़ एकत्रित करने का माध्यम। आशा वर्कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पंचायत सचिव ग्राम सेवकों को दिये गये टार्गेट। 300/- प्रति व्यक्ति और भोजन की व्यवस्था। भाजपा कार्यकर्ता व नेता शासकीय अधिकारी व कर्मचारियों के भरोसे।
कुल मिलाकर समझने वाली बात यह है कि सरकारी खजाने से प्रति व्यक्ति 300 रुपए और भोजन का पैसा निकाला जा रहा है। अब इसमें से किसे कितना मिल रहा है और कहां खर्च हो रहा है, इसका खुलासा तो तभी होगा जब कोई अंदर का आदमी सूचनाएं लीक करेगा। बता दें कि सीएम शिवराज सिंह की जन आशीर्वाद यात्रा उज्जैन से शुरू हुई है। यह मध्यप्रदेश की सभी 230 विधानसभाओं में जाएगी। पहले इसे भाजपा का आयोजन बताया गया था परंतु बाद में इसे सरकारी यात्रा घोषित कर दिया गया। इसका खर्चा जनता की जेब से चुकाया जा रहा है। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई है। कमलनाथ चुनाव आयोग से शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं।
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आशीर्वाद यात्रा में ज़िला प्रशासन बना भाजपा के लिये भीड़ एकत्रित करने का माध्यम। आशा वर्कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पंचायत सचिव ग्राम सेवकों को दिये गये टार्गेट। ₹३००/- प्रति व्यक्ति और भोजन की व्यवस्था। भाजपा कार्यकर्ता व नेता शासकीय अधिकारी व कर्मचारियों के भरोसे।— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 16, 2018