भोपाल। एक तरफ सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार 'दावे नहीं प्रमाण' टैग लाइन के साथ विज्ञापन अभियान चला रही है जिसमें बताने से ज्यादा जताया जा रहा है कि पिछले 14 साल में मध्यप्रदेश कितना विकसित और उन्नत हो गया है। शिवराज सिंह सरकार, दिग्विजय सिंह सरकार की तुलना में कितनी संवेदनशील है और नागरिकों का जीवनस्तर कितना उच्च हो गया है, दूसरी तरफ लोग सोशल मीडिया पर कुछ फोटो जारी कर रहे हैं। जिसमें जमीनी हकीकतें सामने आ रहीं हैं।
वायरल हुए फोटो श्योपुर जिले के ग्राम काठोदी की है। यहां श्मशान तो है परंतु उसका रास्ता ऐसा है कि वहां तक पहुंचना किसी दुर्गम यात्रा को पूरा करने से कम नहीं है। शवयात्रा के साथ चल रहे लोग दुख भूलकर खुद को सुरक्षित श्मशान तक पहुंचाने के लिए जद्दोजहद करते हैं और सबसे बड़ी चुनौती होती है, शव को बिना गिरे श्मशान तक ले जाना, क्योंकि रास्ते में घुटनों घुटनों तक पानी है।
टीनशेड नहीं है, पेट्रोल से भड़काई आग
दावे नहीं प्रमाण के तहत दूसरी हकीकत यह भी है कि गांव में श्मशान के लिए आरक्षित भूमि तो है परंतु एक अदद टीनशेड नहीं है। मौजूदा घटनाक्रम में अग्निदाह के दौरान बारिश शुरू हो गई। कहीं शव अधजली स्थिति में ना रह जाए इसलिए पेट्रोल डालकर अग्नि को भड़काया गया।
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