भोपाल। 2015 में दिग्विजय सिंह के इसी तरह के एक प्रदर्शन पर लाठीचार्ज हो चुका है। इस बार भी वही दोहराने की तैयारी थी। पुलिस मुख्यालय से मौजूद अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे दिए थे कि यदि स्थिति थोड़ी भी अप्रिय हो तो लाठीचार्ज करें। इसके अलावा दिग्विजय सिंह गिरफ्तारी रैली में एक और खास बात यह रही कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने उनसे दूरी बनाकर रखी। यहां तक कि पीसीसी में मौजूद कमलनाथ भी उनके साथ थाने नहीं गए।
पुलिस इंतजाम के साथ आई थी पुलिस
पुलिस ने समन्वय भवन से लेकर टीटी नगर थाने तक रोड पर हर तरफ बेरिकेड्स लगा रखे थे।सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस के कुल 1000 जवान लगाए गए। उनके ऊपर एक एसपी, 3 एएसपी, 5 सीएसपी और 8 टीआई तैनात थे। चप्पे-चप्पे और हर पल पर सीसीटीवी के ज़रिए पुलिस नज़र बनाए रही। PHQ से सख़्त निर्देश थे कि हंगामा होने पर पुलिस सबसे सख़्ती से निपटे। अगर मौखिक समझाने और चेतावनी देने से कार्यकर्ता नहीं काबू में नहीं आते हैं तो लाठीचार्ज कर दिया जाए। पुलिस ने वॉटर केनन, आंसू गैस सहित तमाम इंतज़ाम भी कर रखे थे।
दिग्गजों ने दूरी बनाई
प्रदेश के प्रमुख नेताओं, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और विवेक तन्खा ने दिग्विजय सिंह के विरोध प्रदर्शन से दूरी बनाए रखी। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को रवाना किया परंतु उनके साथ थाने तक नहीं गए।
सतना में मुख्यमंत्री ने दिया था बयान
दरअसल, जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान सतना में सीएम शिवराज ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा था कि दिग्विजय सिंह कुंठित हैं। कई बार वह मुझे देशद्रोही लगते हैं। जिन्हें देश, समाज, संस्कृति से कोई लेना देना नही है। ऐसे लोगों को हम धिक्कारते हैं। शिवराज सिंह ने कहा, ये ऐसे शख्स हैं, अगर किसी आतंकवादी को सेना मार दे तो ये उस आतंकवादी के घर जाते हैं। आतंकवादी को जी कहकर संबोधित करते हैं।
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