भोपाल। कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हैराल्ड में छपी एक सर्वे रिपोर्ट कांग्रेस के लिए ही सिरदर्द बन गई लेकिन मप्र कांग्रेस कमेटी ने अपने ही मुखपत्र में छपे सर्वे को नकार दिया। प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने कहा है कि हाल ही में प्रकाशित प्री पोल सर्वे तमिलनाडू स्थित स्पिक मीडिया नेटवर्क द्वारा किया गया है। इस सर्वे से नेशनल हैराल्ड और कांग्रेस पार्टी का कोई लेना-देना नहीं हैं। सवाल यह है कि यदि नेशनल हैराल्ड और कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है तो कांग्रेस ने उसे अपने मुखपत्र में प्रकाशित ही क्यों किया। ऐसा क्या है इस सर्वे में जो कांग्रेस ही तिलमिला गई, पढ़ने के लिए नीचे दिए गए शीर्षक पर क्लिक करें।
कांग्रेस ने मुद्दे को भटकाने की कोशिश की
कांग्रेस भी अब भाजपा से काफी कुछ सीख गई है। आज कांग्रेस ने ने मुद्दे को भटकाने की कोशिश की। शोभा ओझा ने कहा कि मुख्यमंत्री की तथाकथित विदायी यात्रा में भी शिवराज सिंह को इसका आभास हो गया है। जमीनी सर्वे बताता है कि प्रदेश में हर वर्ग नाराज है, तभी तो जनता भाजपा के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों से उल्टे पांव भगा रही है। कांग्रेस ने पूरी लिस्ट जारी कर बताया है कि कितने भाजपा मंत्री/विधायक/सांसदों को जनता से उल्टे पैर भगाया।
आइए मुद्दे पर आते हैं
मुद्दे की बात यह है कि नेशनल हैराल्ड कांग्रेस का मुखपत्र है। ठीक उसी प्रकार जैसे पांचजन्य आरएसएस का मुखपत्र है। नेशनल हैराल्ड में प्रकाशित हुए हर अक्षर से कांग्रेस का संबंध है। कोई मीडिया सेल इससे इंकार नहीं कर सकती। इस तरह की रिपोर्ट संपादक की सहमति से प्रकाशित होतीं हैं। इसे किसी तरह की भूल भी नहीं कहा जा सकता। बेहतर होता कि कमलनाथ इस मामले में स्पष्टीकरण देते और जीत का दावा करते। भाजपा का विरोध करते करते भाजपा नेताओं जैसे बयान जारी करके मुद्दे से को खत्म नहीं किया जा सकता।
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