भोपाल। नगरीय निकायों के संविदा और दैनिक वेतन भोगी (दैवेभो) कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर राज्य शासन सख्त हो गया है। शासन ने बुधवार को नगरीय विकास एवं आवास विभाग के मैदानी अधिकारियों को हड़ताल करने वाले इन कर्मचारियों को बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं। एस्मा लागू होने पर हड़ताल के चलते इन कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के भी निर्देश हैं। ये कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।
ये कर्मचारी मप्र नगर निगम, नगर पालिका कर्मचारी संघ के बैनर तले 11 जुलाई से हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल को देखते हुए नगरीय विकास एवं आवास विभाग एस्मा (मप्र अत्यावश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिन्नता निवारण अधिनियम) के तहत सख्ती भी कर चुका है, लेकिन कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म नहीं की है। इसे देखते हुए शासन ने यह कदम उठाया है। शासन का तर्क है कि इन कर्मचारियों की हड़ताल से सामान्य जनजीवन पर असर पड़ रहा है। पेयजल, स्वच्छता एवं अन्य सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं, इसलिए सख्ती बरती जा रही है।
बुधवार को जारी आदेश में कहा गया है कि मप्र नगर पालिका निगम सेवा (नियुक्ति और सेवा की शर्तें) नियम 2007 और मप्र नगर पालिका परिषद संविदा विशेषज्ञों एवं तकनीकी सहायकों की सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम 2017 के तहत नियुक्त संविदा और दैवेभो कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए। वहीं एस्मा का उल्लंघन करने पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए जाएं।
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