सीधी। मध्य प्रदेश में रिश्वत का खेल लगातार जारी है। ताजा मामला मध्यप्रदेश के सीधी से सामने आया है। यहां लोकायुक्त ने जिला शिक्षा अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोप है कि अधिकारी ने पब्लिक स्कूल की मान्यता रिन्यू करने के एवज में रिश्वत की मांग की थी। लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ की गई कार्रवाई में 20 सदस्यीय टीम शामिल थी। जिसमें डीएसपी देवेश पाठक, निरीक्षक विद्यावारिधि तिवारी, निरीक्षक अरविंद तिवारी सहित अन्य लोग शामिल थे।
जानकारी के अनुसार, जिला शिक्षा अधिकारी ने थोक के भाव आरटीई के मानकों की पूर्ति न करने की बात पर करीब डेढ सैकड़ा निजी स्कूलों की मान्यता रदद कर दी थी। सेमरिया में संचालित एक विद्यालय के संचालक रामजी शर्मा से जिला शिक्षा अधिकारी पारसनाथ शुक्ला ने निजी स्कूल (पब्लिक स्कूल) की मान्यता रिन्यू करने के लिए दस हजार की रिश्वत की मांग की थी।जिसकी दो किस्त फरियादी संचालक पहले ही दे चुका था। फिर भी डीईओ साहब स्कूल की मान्यता बहाल नहीं कर रहे थे। फरियादी ने इसकी शिकायत रीवा लोकायुक्त से की।
लोकायुक्त की टीम ने योजना बनाकर जिला शिक्षा अधिकारी पर कार्रवाई की है। जैसे ही फरियादी ने अधिकारी को सात हजार दिए वैसे ही लोकायुक्त ने उसे रंगेहाथो पकड़ लिया। जब टीम ने उसके हाथ धुलवाए तो गुलाबी हो गए। लोकायुक्त की 20 सदस्यीय टीम ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
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