
महिला पटवारी, जो विवाह के पहले से नियुक्त हैं, वे विवाह के बाद निवास स्थान के जिले में अंतर-जिला संविलियन के लिये पात्र होंगी। नीति के अंतर्गत सेवाकाल में सिर्फ एक बार संविलियन की पात्रता होगी। चाहे गये जिले में रिक्त पद उपलब्ध होने पर ही संविलियन होगा। अनारक्षित वर्ग के पटवारी का संविलियन अनारक्षित वर्ग के रिक्त पद के विरुद्ध ही किया जायेगा।
किसी जिले के लिये आवेदन की संख्या उपलब्ध पदों से अधिक होने पर सेवा की वरिष्ठता को प्राथमिकता दी जायेगी। आदेश जारी होने के 15 दिन के अंदर संविलियन किये गये जिले में उपस्थिति देनी होगी। किसी भी पटवारी को उनके गृह तहसील में पदस्थ नहीं किया जायेगा।
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