
कमलनाथ ने कहा कि हमारे सामने प्रश्न यह है कि हम कैसे मध्यप्रदेश का निर्माण चाहते हैं। हम ऐसी कौन सी आर्थिक गतिविधियां चलाना चाहते हैं, जिनसे छोटे-छोटे लोगों की जीविका चल सके। आज प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां ठप्प हैं। जितने नये उद्योग लग रहे हैं, उससे ज्यादा बंद हो रहे हैं। आज के नौजवानों में एक तड़प है, उनकी एक सोच है। वे व्यवसायिक गतिविधियां और रोजगार के साधन चाहते हैं। हमारे सामने चुनौती है कि युवा कब तक इस पीड़ा को सहन करेगा। ये परिस्थितियां हमें जनता के सामने लाना है।
जैन राजनैतिक चेतना मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रवीन्द्र जैन काला ने कहा कि कमलनाथ ही थे, जिन्होंने जैन समाज को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की बात सबसे पहले लोकसभा में उठायी और समाज को यह दर्जा मिला। श्री नाथ के नेतृत्व में जैन समाज का हित सुरक्षित है।
इस अवसर पर चंद्रप्रभाष शेखर, प्रकाश जैन, मानक अग्रवाल, नरेन्द्र सलूजा, राजीव सिंह, गोविंद गोयल, अशोक जैन भाभा, आनंद तारण, वात्सल्य जैन भाभा, वीरेन्द्र जैन सहित चेतना मंच के कोषाध्यक्ष विनोज जैन, प्रदेश महामंत्री सुभाष जैन काला, प्रदेश संगठन मंत्री राजीव जैन गिरधरवाल, महामंत्री राकेश सिंघई आदि उपस्थित थे।
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