
एमपी में पेपरलेस और कैशलेस व्यवस्था पर आधारित ई-टेंडर मामले में हुए घोटाले पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर शिवराज सरकार के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा है कि यह घोटाला व्यापमं से भी बड़ा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि जल निगम, पीडब्ल्यूडी एवं जल संसाधन विभाग के जिन निविदाओं में अंकित की गई राशि में गड़बड़ी की गई है उसमें डेमो आईडीएस का उपयोग किया गया है।
नेता प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री को लिखा है कि आप इस पूरे मामले की जिस भी एजेंसी से जांच कराएं वह तत्काल हो। साथ ही वह जांच एजेंसी मेरे द्वारा दिए गए तथ्यों के आधार पर सभी दस्तावेजों को जब्त कर इससे जुड़े लोगों और अधिकारियों से कड़ी पूछताछ करे। पीएम को लिखे पत्र में अजय सिंह ने कहा कि अगर इसकी तत्काल जांच नहीं कराई गई तो इस घोटाले के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ प्रारंभ हो गई है और उन्हें नष्ट करने की सुनियोजित साजिश शुरू कर दी गई है।
उन्होंने लिखा कि कि 29 जून 2018 को पीएम मोदी ने ही नई दिल्ली में एक स्थानीय कार्यक्रम में कहा था कि 'ईमानदार हो रहा है देश, राष्ट्र निर्माण में अहम जिम्मेदारी निभा रहे लोग' पर आपकी ही पार्टी की सरकार, मध्यप्रदेश में ऐसा नहीं कर रही है और पूरी सरकार बेईमानों की संरक्षक बनी हुई है। उन्होंने लिखा कि मैं ई-टेंडर घोटाले से जुड़े हुए महत्वपूर्ण तथ्यों पर आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं, जिससे यह पता चलता है कि किस तरह यह घोटाला किया गया है।
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