भोपाल। मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 26 पर भाजपा का कब्जा है। अमित शाह ने इस बार कमलनाथ से छिंदवाड़ा, ज्योतिरादित्य सिंधिया से गुना और कांतिलाल भूरिया से झाबुआ छीनने के आदेश दिए हैंं। इधर भाजपा में करीब आधा दर्जन सांसद ऐसे हैं जो विधानसभा के टिकट मांग रहे हैं और आधा दर्जन सांसदों को पार्टी टिकट देने के मूड में नहीं है। इस तरह इस बार करीब एक दर्जन सांसद प्रत्याशी नए चेहरा होंगे। खबर आ रही है भारत की विदेश मंत्री एवं विदिशा की सांसद सुषमा स्वराज सीट छोड़कर भागने वाली हैं। विदिशा में उनका काफी विरोध है।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि
अनूप मिश्रा (मुरैना) की सीट बदल दी जाएगी। यहां उनका काफी विवाद हुआ है।
लक्ष्मी नारायण यादव (सागर) का टिकट कटना तय माना जा रहा है।
नागेन्द्र सिंह (खजुराहो) को भी अब टिकट मिलने की संभावनाएं काफी कम हैं।
जनार्दन मिश्रा (रीवा) को संकेत दे दिए गए हैं कि 2019 की लिस्ट में उनका नाम नहीं है।
ज्ञान सिंह (शहडोल) ने उपचुनाव में सीएम शिवराज सिंह को काफी ब्लैकमेल किया था। 2019 में शहडोल से नया प्रत्याशी उतारा जाएगा।
फग्गन सिंह कुलस्ते (मंडला) को पहले मंत्रीमंडल से हटाया गया था अब टिकट भी काटने की तैयारी है।
बोध सिंह भगत (बालाघाट) का टिकट कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन से विवाद के चलते कटना तय माना जा रहा है। यहां से बिसेन की बेटी मौसम बिसेन को टिकट मिलने की संभावना है।
सुषमा स्वराज (विदिशा) का क्षेत्र में जबर्दस्त विरोध है। कहा जा रहा है कि इसी विरोध के डर से सुषमा स्वराज इस बार सीट बदल लेंगी।
आलोक संजर (भोपाल) को 2 नेताओं की लड़ाई में पिछली बार टिकट मिल गया था। अब 2019 में उनका टिकट रिन्युअल नहीं होगा।
रोडमल नागर (राजगढ़) विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं।
मनोहर ऊंटवाल (देवास) भी विधानसभा की तैयारी का रहे हैं।
चिंतामणि मालवीय (उज्जैन) ने काफी विवादास्द बयान दिए। मोदी की छवि भी प्रभावित हुई।
सुभाष पटेल (खरगौन) और ज्योति धुर्वे (बैतूल) के टिकट काटे जा सकते हैं।
भागीरथ प्रसाद (भिंड), वीरेन्द्र कुमार (टीकमगढ़), उदय प्रताप सिंह (होशंगाबाद) पर भी फैसला लिया जा सकता है।
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