भोपाल। लोकायुक्त पुलिस की टीम में अब भेदिया घुस चुका है जो अधिकारियों को छापों और शिकायतों की खबर दे रहा है। आदिवासी विकास विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर डॉक्टर संतोष शुक्ला मामले में यह प्रमाणित हुआ है। लोकायुक्त टीम के पहुंचने से कुछ घंटे पहले ही वो जरूरी दस्तावेज समेत फरार हो गए। लोकायुक्त ने असिस्टेंट कमिश्नर संतोष शुक्ला के भोपाल, इंदौर, रीवा शहर व पुरवा गांव और मंडला के ठिकानों पर छापे मारे। उनके नौकर ने बताया कि उनकी तबीयत खराब हो गई थी इसलिए इलाज कराने नागपुर गए हैं। लोकायुक्त पुलिस ने यह पता नहीं लगाया कि वो नागपुर के किसी अस्पताल में भर्ती हुए हैं या नहीं।
एक टीम ने भोपाल के वैशाली नगर स्थित उनके घर, जबकि लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने मंडला और रीवा स्थित घर, सरकारी आवास, दफ्तर और इंदौर स्थित घर पर छापा मारा। इस दौरान लगभग 6 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति मिली है। शुक्ला रीवा के रहने वाले हैं। रीवा में शनिवार तड़के चार बजे छापामारी उस समय की गई जब उनके परिवार के लोग गहरी नींद में थे।
लोकायुक्त के हाथ कुछ खास नहीं लगा
यहां तीन करोड़ से ज्यादा की संपत्ति सामने आई है। वैशाली नगर के मकान नंबर 62 में लोकायुक्त की टीम ने सागौन के बेशकीमती फर्नीचर, कार और दोपहिया वाहन समेत करीब 20 लाख की सामग्री मिली है। वैशाली नगर में शुक्ला की पत्नी व बेटा रहता है। हालांकि छापे के दौरान दोनों ही घर में नहीं थे। इंदौर में भी एक मकान की सूचना मिली है। अब तक इनकी संपत्ति का आकलन नहीं हो सका है।
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