नई दिल्ली। अंतत: मोदी सरकार के खिलाु अविश्वास प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने तेलुगू देशम पार्टी के सांसदों की तरफ से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार किया। सुमित्रा महाजन ने 50 से ज्यादा सांसदों के समर्थन की गिनती की और आगे चर्चा के लिए अगले दस दिनों के अंदर वक्त तय करने की बात कही। इस बीच कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सवाल उठाए। खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने भी अविश्वास प्रस्ताव दिया था लेकिन स्पीकर ने उनका नाम नहीं लिया।
इसके जवाब में सुमित्रा महाजन ने कहा कि उन्हें सबसे पहले तेलुगू देशम पार्टी का प्रस्ताव मिला था इसलिए तेलुगू देशम का नाम पहले लिया गया, हालांकि जिन भी सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव का मुद्दा उठाया था उन सभी का नाम उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव में लिया है। वहीं लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सवाल पूछने के बीच में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि ये सरकार किसानों की आत्महत्या और महिलाओं के साथ बलात्कार रोकने में नाकाम रही है।
टीडीपी के अलावा वाईएसआर कांग्रेस भी इस प्रस्ताव का समर्थन कर रही है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, एआईएडीएमके, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी ने भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने की घोषणा की है। मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव है।
सरकार को भरोसा है कि नोटिस स्वीकार कर लिए जाने पर भी लोकसभा में उसकी संख्या बल के कारण प्रस्ताव गिर जाएगा। लोकसभा में मौजूदा सदस्यों की संख्या 539 है और सत्तारूढ़ बीजेपी के 274 सदस्य हैं। यह बहुमत से अधिक है और पार्टी को कई घटक दलों का समर्थन भी है।
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