नई दिल्ली। एनडीए में घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और पीएम नरेंद्र मोदी सरकार में उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने देश भर में दलितों राजनीति कर रहे नेताओं पर करारा हमला किया है। उन्होंने कहा कि दलितों से रोटी खाने को सब तैयार हैं परंतु बेटे देने कोई तैयार नहीं होता। उन्होंने कहा अंतरजातीय विवाह से जाति व्यवस्था खत्म हो सकती है। रोटी और बेटी की समस्या हल हो जाए तो जातिवाद खत्म हो जाएगा। बता दें कि 2014 के बाद से अब तक लगभग हर चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता दलित और आदिवासियों के यहां जाकर रोटी खाते हैं, कभी कभी बनाते भी हैं।
दलित तो हल चला लेगा लेकिन ब्राह्मण कतराएगा
इसी दौरान उन्होंने ब्राह्मण समाज के संदर्भ में बयान दिया। उन्होंने कहा कि एक मन से गरीब होता है, एक पेट से गरीब होता है। एक होता है दोनों से गरीब। सवर्ण पेट से गरीब है। दलित मन के साथ-साथ पेट से भी गरीब है। उसे आप कुर्सी पर बैठने के लिए कहिए वो कहेगा मैं खड़ा ही ठीक हूं। संविधान में है कि सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ों के लिए आरक्षण होना चाहिए। भूमिहीन दलित गांव में हल जोत लेगा लेकिन भूमिहीन ब्राह्मण हल जोतने से कतराएगा। क्योंकि वो अभ्यासी नहीं होता। इसलिए कहा कि सवर्णों में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण दो।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ बन रहे महागठबंधन की वही हालत होगी, जैसी इंदिरा गांधी के समय 1977 सिंडीकेट की। इनका राष्ट्रीय नेता कौन है? राहुल गांधी, चन्द्राबाबू नायडू और ममता बनर्जी को लोग नेता नहीं देख रहे हैं। यहां तो सब अपनी ढपली बजा रहे हैं। पासवान ने माना कि उत्तरप्रदेश के कैराना और फूलपुर का उपचुनाव हारना चिंता का विषय है।
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