नई दिल्ली। विधि आयोग ने देश में जुए (Gambling) और क्रिकेट सहित सभी खेलों पर सट्टेबाजी को वैध करने की सिफारिश की है। गुरुवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को सौंपी रिपोर्ट में आयोग ने सुझाव दिया है कि इन गतिविधियाें को रेगुलेट करके सरकार को टैक्स वसूलना चाहिए। इससे नौकरियां बढ़ेंगी। जुए और सट्टे को आधार या पैन कार्ड से लिंक करके सिर्फ कैशलेस लेनदेन की इजाजत देनी चाहिए।
Casino और Online Gaming इंडस्ट्री में विदेशी निवेश के दरवाजे खोलने के लिए आयोग ने फॉरेक्स और एफडीआई नीति को रेगुलेट करने वाले कानूनों में भी संशोधन की सिफारिश की है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2016 में विधि आयोग से क्रिकेट में सट्टेबाजी वैध करने के मुद्दों की जांच के लिए कहा था।
बता दें कि दुनिया के कई देश ऐसे हैं जिनकी आय का एक बड़ा स्त्रोत जुआघरों से मिलने वाला टैक्स है। भारत में भी लॉटरी का प्रचलन रहा है लेकिन बाद में ज्यादातर राज्यों ने इसे बंद कर दिया। जहां तक जुआ/स्ट्टा का प्रश्न है तो भारत में इसके खिलाफ वर्तमान में भी कोई कठोर कानून नहीं है अत: स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से ये सारे देश में धड़ल्ले से चल रहे हैं।