पानीपूरी भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले स्ट्रीट फूड में से एक है. ऐसा कौन होगा जिसने गोलगप्पे के चटखारे नहीं लिए होंगे. गोलगप्पों नाम लेते है कि मुंह में पानी आ जाता है मसालेदार पानी के साथ खाए जाने वाले गोलगप्पों को देश में अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे कि पानी पूरी, बताशे, पुचका आदि. लेकिन गुजरात के वडोदरा शहर में इन दिनों लोगों को गोलगप्पों के नाम से ही डर लग रहा है. यहां वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने गोलगप्पों के लिए इस्तेमाल हो रही सड़ी हुई खाद्य सामग्री को बड़े पैमाने पर जब्त किया है.
क्यूँ है गोलगप्पे पर बैन /Why is Bain on Golgappa
वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मॉनसून के चलते शहर में पानी से फैल रही बीमारियों को रोकने और स्वच्छता अभियान के तहत गोलगप्पों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाई गई है. दूषित गोलगप्पों और उसके पानी से टाइफाइड, पीलिया, फूड पायजनिंग का खतरा रहता है. जब्त किए सारे सामान को नष्ट कर दिया गया. स्वास्थ्य की दृष्टि से शुरू किए गए इस अभियान को वडोदरा के लोगों से भी सराहना मिल रही है.
कब तक रहेगा बेन/How long will Ben,
शहर में गोलगप्पे बनाने और बेचने वालों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई. वडोदरा शहर में गोलगप्पों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है जो मॉनसून खत्म होने तक जारी रहेगी. वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के जरिए स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस छापेमारी में तेल, सड़ा हुआ आटा, सड़े हुए आलू-चना जब्त किए जिनका इस्तेमाल गोलगप्पे बनाने और बेचने में किया जा रहा था. वडोदरा के हुजरात पागा, हाथीखाना, तुलसीवाडी, समा, छाणीगाँव, खोडियारनगर, नवायार्ड, वारसीया नरसिंह टेकरी, सुदामा नगर जेसे इलाकों में गोलगप्पे बनाने वाले 50 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की गई. इस दौरान गोलगप्पे बनाने की 4000 किलो गोलगप्पे, 3500 किलो आलू-चना, 20 किलो तेल ओर 1200 लीटर एसिड वाला पानी जब्त किया गया.
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