
प्राध्यापक संघ के राज्य सचिव डॉ. सुरेश टी सिलावट के मुताबिक प्रोफेसर को लेकर सरकार का पक्षपातपूर्ण रवैया है। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर भी हमारे साथ हैं। इधर, पीएससी की राज्यसेवा परीक्षा के प्रदेशभर के संभाग मुख्यालयों पर सरकारी कॉलेजों को केंद्र बनाया गया है।
इस लिखित परीक्षा में परीक्षक से केंद्राध्यक्ष तक के रूप में सरकारी कॉलेज के प्रोफेसरों को ही ड्यूटी करना है। पीएससी अधिकारियों का कहना है कि अब तक उन्हें सामूहिक अवकाश को लेकर कोई लिखित सूचना या केंद्रों से जानकारी नहीं मिली है।