नई दिल्ली। भारतीय रेल ने एतिहासिक भर्ती अभियान की शुरूआत की ओर 1 लाख पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किए। स्वभाविक था इसके लिए बड़ी संख्या में आवेदन आने थे और ऐसा ही हुआ। कुल 3 करोड़ से ज्यादा आवेदन आ गए। रेलवे भर्ती बोर्ड के सामने समस्या यह है कि वह दुनिया की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा का आयोजन कैसे करे। इसके चलते पूरी प्रक्रिया अटकी हुई है। इधर रेल कर्मचारी रिटायर होते जा रहे हैं अत: रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्ति के लिए रेलवे ने नया फैसला लिया है। अब रेलवे में संविदा भर्ती की जाएगी। सेवानिवृत्त कर्मचारी भाप ईंजन, पुराने कोच और सिग्नल जैसे रेलवे की विरासत को संभालेंगे।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "सेवानिवृत कर्मचारी कुशलतापूर्वक भाप ईंजन, संकेत पद्धति वाले सिग्नल और भाप चालित उपकरणों को संभालने में कुशल हैं. इसलिए अनुबंध पर उनकी नियुक्ति की जा सकती है। आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार रेलवे की विरासत को संभालने में कुशल सेवानिवृत्त कर्मचारियों की नियुक्ति की शक्ति जोन के प्रमुख के पास होगी। दफ्तरों में आशुलिपिकों और सहायकों की कमी से कार्य प्रभावित होने की समस्या का समाधान करने के लिए रेलवे ने डाटा एंट्री ऑपरेटर या एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट की मौजूदा रिक्तियों को भरने के लिए अनुबंध के आधार पर नियुक्ति की अनुमति प्रदान की है। अधिकारी ने बताया कि जोन के प्रमुखों को मौजूदा रिक्तियों के लिए आवश्यक व्यक्तियों की संख्या तय करने के लिए अधिकृत किया गया है। वे संबंधित विभागों से परामर्श के आधार पर यह काम पूरा करेंगे।
अनुबंध पर नियुक्त किए जाने वाले कर्मचारियों का पारिश्रमिक सामान्य कार्य अनुसूची के समान होगा। रेलवे की कार्य प्रणाली में सुधार के मद्देनजर सिलसिलेवार कदम उठाने पर सक्रियतापूर्वक विचार किया जा रहा है, जिसके परिणाम आने वाले समय में देखने को मिल सकते हैं। सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए अधिकतम उम्रसीमा 65 साल है। इससे पहले रेलवे ने मानवरहित फाटकों पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नियुक्त करने का फैसला लिया था।
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