भोपाल। शिक्षक, अध्यापक, कर्मचारियों को 27 जुलाई के बाद हर हाल में ई-अटेंडेंस लगानी होगी। नेट पैक, नेटवर्क, स्मार्ट फोन न होने का बहाना अब नहीं चलेगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने ई-अटेंडेंस लगवाने शिक्षक, कर्मचारियों को स्कूलों को मिलने वाले सालाना खर्च से ही शाला प्रधान को को नेट पैक डलवाने 100 रुपए देने की मंजूरी दे दी है। हालांकि यह राशि तभी मिलेगी, जब स्कूल के अन्य शिक्षकों के मोबाइल नेटवर्क आदि समस्या के कारण काम नहीं करते होंगे और शाला प्रधान जिम्मेदारी के साथ सभी की ई-अटेंडेंस लगवाएंगे। इसके साथ ही ये सुविधा भी दी है कि जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं हैं या खराब हो गए हैं, ऐसे शिक्षक, कर्मचारी अपने शिक्षक मित्र व संस्था प्रमुख के स्मार्ट फोन से ई-अटेंडेंस लगा सकेंगे।
नए सिरे से एम शिक्षा मित्र के प्रभावी क्रियान्वयन की जवाबदेही भी संकुल प्राचार्यों की सुनिश्चित की गई है। स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने आदेश जारी कर 30 जून को एम शिक्षा मित्र के क्रियान्वयन के लिए नए सिरे से रणनीति तैयार की है।
अब नहीं चलेगा बहाना, ऑफलाइन भी लगेगी उपस्थिति
ऐसी संस्थाएं जहां नेटवर्क की कनेक्टिविटी नहीं है और उनमें पढ़ाने वाले शिक्षक उन्हीं गांव में निवास करते हैं, उनकी सूची जिला शिक्षा अधिकारी तैयार कर लोक शिक्षण संचालनालय को भेजेंगे। इसके बाद इन गांवों का तकनीकी सत्यापन कराया जाएगा। नेट की कनेक्टिविटी न मिलने पर भी ऑफलाइन मॉड में उपस्थिति दर्ज की जा सकेगी। यदि किसी शिक्षक के पास एंड्रायड मोबाइल फोन नहीं है, तो वह संस्था प्रमुख व सहकर्मी के मोबाइल से वह अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेगा लेकिन उसे ई-अटेंडेंस लगानी होगी।
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