
स्थानीय मीडिया से आ रहीं खबरों के अनुसार सिवनी जिले के घंसौर स्थित काशी बुधवारा गांव में परिवार के मुखिया की मौत के बाद उसका परिवार आर्थिक तंगी से परेशान होकर जामफल और सीताफल के पत्ते खाने को मजबूर है। पति की मौत के बाद बीमार पत्नी इलाज के लिए अपने बच्चों को छोड़कर दूसरे गांव चली गई, जबकि घर की माली हालत देखते हुए बड़ा बेटा कमाने के लिए नागपुर चला गया। घर में बचे बच्चे खाने को मोहताज भूख मिटाने पत्ते खा रहे हैं।
जब इस बात की जानकारी ग्रामीणों को मिली तो उन्होंने तुरंत बच्चों को खाने का सामान दिलाया और आर्थिक मदद भी की। ग्रामीण इस मामले को घंसौर के जनपद सदस्य विजय तिवारी के पास पहुंचे। विजय तिवारी ने भूखे बालक को सरकारी मदद से भोजन उपलब्ध कराने की कोशिश की परंतु ब्लॉक स्तर के अधिकारियों ने उन्हे यह कहते हुए मना कर दिया कि शासन की ऐसी कोई योजना नहीं है।
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