जबलपुर। सिवनी जिले के सुनवारा चौकी क्षेत्र में तनाव व्याप्त है। यहां पुलिस चौकी में हिरासत के दौरान 45 वर्षीय आदिवासी संतकुमार मरावी की मौत हो गई। पुलिस उसे अपने ही भाई से मारपीट के मामले में गिरफ्तार करके लाई थी। आरोप है कि पुलिस ने चौकी में उसे बेरहमी से पीटा जिससे उसकी मौत हो गई। शव का पीएम कराने के बाद एसपी सिवनी विवेक राज सिंह ने चौकी प्रभारी सुरेश दीक्षित को सस्पेंड कर दिया है जबकि प्रधान आरक्षक रविंद्र प्रताप सिंह, आरक्षक ब्रजेश चौधरी को लाइन अटैच। इधर गोंडवाना नेता और कार्यकर्ता जमा हो गए हैं। उनका कहना है कि शव का अंतिम संस्कार तभी होगा जब पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया जाएगा।
जानकारी मिली है कि गुरूवार को भाई से विवाद के बाद संतकुमार मरावी को सुनवारा पुलिस गिरफ्तार कर लाई थी। फिर उसकी पुलिस कस्टडी के दौरान संदिग्ध हालत में मौत हो गई। परिजनों को शाम छः बजे खबर मिली। पुलिस ने परिजनों को बताया कि संतकुमार ने पुलिस ने हिरासत से भाग गया था और फरार संतकुमार को जब पुलिस ने तलाशा तो वह एक खेत में मृत हालत में मिला है जिसे धनौरा समुदायिक केन्द्र लाया गया है। संतकुमार के शरीर में घाव के निशान देख परिजनों ने पुलिस को मौत का जिम्मेदार ठहराया।
FIR से पहले अंतिम संस्कार नहीं करेंगे
शुक्रवार को सिवनी एसपी विवेकराज सिंह ने मामले में कार्रवाई करते हुए सुनवारा चौकी प्रभारी सुरेश दीक्षित को निलंबित और चौकी में तैनात दो पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर कर दिया। इसके अलावा मृतक संतकुमार के शव का पोस्टमार्टम धनौरा अस्पताल में डॉक्टरों की टीम के द्वारा वीडियो ग्राफी के साथ किया गया। घटना के बाद गोंडवाना नेता धनौरा पहुंच गए और आरोपी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध हत्या की धाराओं की तहत मामला दर्ज करने की मांग की है। गोंडवाना नेताओं के चेतावनी दी कि जब तक आरोपी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध रोजनामचा में एफआईआर दर्ज नहीं की जाती तब तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं होगा। बहरहाल मामला बिगड़ा देख मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
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