उपदेश अवस्थी/भोपाल। यह कमलनाथ और उनके समर्थकों के लिए चौंकाने वाली खबर है। ये उन सभी लोगों के लिए परेशान कर देने वाली खबर है जो यह मान बैठे थे कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा को कांग्रेस से गठबंधन करना उसकी मजबूरी होगी और इस तरह कमलनाथ आसानी से अपनी सरकार बना पाएंगे। उत्तरप्रदेश से खबर आ रही है कि भाजपा, आरएसएस के कुछ बड़े नेता और मायावती के बीच गोपनीय मुलाकातें चल रहीं हैं। यह 2019 की तैयारी है लेकिन इसका फायदा 2018 में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में भी मिलेगा।
खबर आ रही है कि मायावती इन दिनों मन बदल रहीं हैं। अब वो कांग्रेस, सपा या विपक्षी दलों के महागठबंधन के साथ जाने के बजाए अपनी पुरानी मित्र पार्टी भाजपा के साथ खड़े होने की तैयारी कर रहीं हैं। इन दिनों वो इसके फायदे और घाटों पर विचार कर रहीं हैं परंतु यूपी के पत्रकारों की भविष्यवाणी है कि बीजेपी द्वारा बढ़ाया गया मित्रता का हाथ, मायावती ठुकरा नहीं पाएंगी।
बता दें कि मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बसपा से गठबंधन के लिए काफी कोशिशें की हैं। उन्होंने कई बार सार्वजनिक बयान भी दिए। बताया जाता है कि उन्होंने मायावती से इस बारे में कई बार बात भी की और सारा ब्योरा लेकर राहुल गांधी से भी मिले। कमलनाथ समर्थकों ने दावा किया था कि कमलनाथ और मायावती के संबंध काफी पुराने हैं परंतु मायावती ने पहले तो सार्वजनिक रूप से बयान देकर कांग्रेस से गठबंधन की खबरों का खंडन किया और अब...।
क्या कारण हैं
मायावती भाजपा के प्रस्ताव को हर हाल में स्वीकार करेंगी। इसके कई कारण हैं।
मायावती नहीं चाहतीं कि उनकी स्थिति लालू प्रसाद यादव जैसी हो जाए।
यूपी में बसपा का एक भी सांसद नहीं है। इस गठबंधन से कुछ सांसद जीतने की उम्मीद है।
मध्यप्रदेश की सत्ता में भागीदारी मिल जाएगी।
छत्तीसगढ़ की सत्ता में भी भागीदारी मिल जाएगी।
विपक्षी महागठबंधन पर भरोसा नहीं कर सकते, एनडीए ज्यादा फायदेमंद है।
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