सीधी। मुसाफिरों से खचाखच भरी बस मे पेट्रोल छिड़क कर आग के हवाले करने की धमकी देते हुए आदिवासी छात्रा को बस से उतारकर हत्या करने व बस परिचालक सहित मुसाफिरों को चाकू मारकर घायल करने के आरोपी सिरफिरे युवक को दोहरे आजीवन कारावास की सजा से विशेष न्यायालय ने दण्डित किया है। घटना दो साल पूर्व 28 अक्टूवर 2016 को कुसमी थाना के गोतरा गांव के अष्टभुजी चैराहा के पास रात साढे सात बजे घटित हुई थी। आरोपी अपने मंसूबे पर अमली जामा पहनाने के बाद फरार हो गया था। घटना के बाद पूरे जिले मे पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर आक्रोश पनप गया था।
बता दें कि इस तरह का अपराध जिले का पहला अपराध घटित हुआ था जहां भरी बस से किसी छात्रा को उतार कर खुलेआम चाकुओं से गोदकर हत्या की गई हो और पूरी बस के मुसाफिर असहाय बन कर देखते रहे हों। मामले के आये फैसले की जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक सुखेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि 28 अक्टूबर 2016 को सीधी बस स्टैण्ड से सायं 5-15 बजे महांवली बस क्रमांक एमपी 17 ए 5491 सीधी से कुसमी के लिये रवाना हुई थी। बस मे छात्रा संजू सिंह गोंड़ पिता हीरा सिंह निवासी बड़बाही थाना कुसमी भी सवार थी बस जव भदौरा रेलवे फाटक के पास पहुंची तो आरोपी शिवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ शिब्बू सिंह परिहार पिता आनन्द बहादुर सिंह परिहार उम्र 30 बर्ष निवासी धुआंडोल पुलिस चैकी मड़वास भी सवार हो गया था। बस जब 7-30 बजे के आस पास गोतरा के अष्टभुजी चैराहे के पास रूकी तो आरोपी शिब्बू सिंह पीछे से उतरकर आंगे के गेट से चढ़ने लगा आरोपी अपने हांथ मे चाकू व बोतल लिये हुए था जिसे देख बस के परिचालक अशोक कुमार गुप्ता उसे रोकते हुए बस का दरवाजा बंद करने लगा तो शिब्बू सिंह ने उसके हांथ मे चाकू से हमला कर दिया।
जिसके कारण उसके हाथ की छोटी अगुली छिंगी कट गई तो उसके हाथ से दरवाजा छूट गया तो आरोपी ने यह कहते हुए बस मे चढ़ गया कि उसके रास्ते से सभी हट जाये नही तो पूरी बस मे पेट्रोल डालकर आग लगा दूंगा और बोलत मे भरे पेट्रोल को बस मे छिड़ककर आग लगाने के लिये माचिस की तिल्ली निकाल लिया था। जिसे पकड़ने के लिये बस मे सफर कर रहे एक मुसाफिर कृष्णकुमार गुप्ता आंगे बढ़ा तो आरोपी ने उस पर भी हमला कर घायल कर दिया जिसके कारण बस की पूरी सबारी मे भय व्याप्त हो गया सभी मुसाफिर बस से नीचे उतर गये तो आरोपी शिब्बू ने बस ड्रायवर के पीछे बैठी संजू सिंह गोड़ को बस के भीतर पीटने लगा इस पर भी उसका क्रोध सांत नही हुआ तो उसके बाल पकड़कर घसीटते हुए बस से नीचे उतारा और संजू सिंह पर चाकू से उस पर तव तक वार करता रहा जब तक की उसकी मौत नही हो गई।
आरोपी को जव यह आभाष हो गया कि संजू के प्राण पखेरू उड़ चुके है तव वह छोड़कर रात के अधेरे मे ही जंगल की ओर भाग गया तव बस के मुसाफिरों ने डायल 100 को सूचित करके जानकारी तो कुसमी थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी आर पी त्रिपाठी घटना स्थल पहुंचकर शव को अपने आधीन लेकर आरोपी शिब्बू के खिलाफ अपराध क्रमांक सून्य पर कायमी करके जांच शुरू कर उधर संजू की हत्या की जानकारी होते ही पूरे जिले मे आक्रोस का बातावरण बन गया जगह जगह बिरोध प्रदर्शन किये जाने लगे थे। जिसे देख तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने खुद दूसरे दिन स्थल पहुंचकर आरोपी को शीघ्र पकड़ने का आश्वासन देते हुए शव को पीएम के लिये सीधी भेजा जहां डांक्टरों की टीम मे पीएम के बाद शव परीजनों को सौपा और पुलिस ने पीएम के आधार पर आरोपी के खिलाफ धारा 302 के अलावा 324 ,3(2) (भी) के अलावा अनुसूचित जाती जनजाती अत्याचार निवारण अधिनियम के साथ धार 25 आर्म एक्ट का का अपराध दर्जकर आरोपी की तलास मे जंगल पहुंच गई जहां आरोपी एक पुराने घर मे घुस कर बैठा हुआ था।
जिसे 3 नबम्बर 16 को गिरफतार कर प्रकरण को सुनवाई के लिये न्यायालय मे पेश किया जहां दो साल तक चले ममले की सुनवाई करते हुए विशेश न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश ए के पालीवाल ने आरोपी के द्वारा दिये गये सभी दलीलों को खारिच कर बस के परिचालक व सवारी पर किये गये चाकू से हमले व संजू की हत्या के लिये दोसी मानते हुए आरोपी शिब्बू सिंह परिहार को धारा 324 (दो शीर्ष)मे प्रत्येक आहत के सम्बंध मे एक एक हजार रुपए का अर्थदण्ड धरा 302 का आरोप सावित होने पर आजीवन कारावास एवं एक हजार रुपए का अर्थ दण्ड धारा 3(2) (भी) अनुसूचित जाती जनजाती अत्याचार निवारण अधिनियम का अपराध साबित होने पर आजीवन कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
तीनों धाराओं मे लगाये गये जुमार्ना की राशि अदा नही करने पर हर धार मे एक एक मांह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताने का फैसला सुनाया गया है तो धारा 506 भाग 2 भादस के आरोप मे तीन बर्ष के सश्रम कारावास से दण्डित किया गया है आजीवन कारावास की की दोनों सजाए साथ साथ चलाने व अन्य सजाओं को जेल के नियमानुसार भुगतायें जाने का फैसला सुनाया है।
एक तरफा प्यार मे ले ली आदिवासी छात्रा की जान
मृतका संजू सिंह गोंड़ से आरोपी शिब्बू सिंह परिहार एक तरफा प्यार करने लगा था इसकी जानकारी मृतका संजू सिंह गोड़ को हुई तो उसने आरोपी से बात करना ही बंद कर दिया छात्रा ने आरोपी को फटकार लगाने के बाद बात नही किया और धन तेरस के दिन रीवा से अपने गृह गांव जा रही थी तभी आरोपी को छात्रा के गांव जाने के लिये बस मे सबार होने की जानकारी मिली तो उसने बीच रास्ते मे बस से उतार कर चाकुओं से गोद कर मौत की नीद सुला दिया था।
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