इंदौर। प्रदेश सरकार ने टीडीआर (ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स अर्थात हस्तांतरणीय विकास अधिकार) पॉलिसी का नोटिफिकेशन कर दिया है। ड्राफ्ट पर 30 दिन में दावे-आपत्तियां बुलाई गई हैं। संभवत: चुनाव के पहले चार हजार से ज्यादा परिवारों को टीडीआर सर्टिफिकेट बांट दिए जाएंगे। इससे शहर विकास में जिन लोगों ने सड़क के लिए जमीन दी है, उन्हें अपनी जमीन के तीन गुना मुआवजे के बराबर अतिरिक्त निर्माण करने या उस अधिकार पत्र को गाइड लाइन की कीमत से बेचने का अधिकार मिल जाएगा। मेयर मालिनी गौड़ ने कहा टीडीआर का लाभ देने का जो वादा हमने किया था, वह पूरा किया। जल्द ही सर्टिफिकेट बांटेंगे।
टीडीआर क्या होता है, यह किन लोगों को मिलेगा?
एक ऐसा अधिकार जो सर्टिफिकेट के माध्यम से उन लोगों को मिलेगा, जिनके स्वामित्व के मकान, दुकान का कुछ हिस्सा निगम या किसी अन्य शासकीय निर्माण एजेंसी ने किसी प्रोजेक्ट के लिए ले लिया हो। चूंकि मुआवजा देने का अधिकार नगरीय निकायों को नहीं है, इसलिए बदले में वे जमीन देने वाले लोगों को एक अधिकार पत्र देंगे, जिसके अाधार पर वे बची जमीन में स्वीकृत निर्माण से अधिक का निर्माण कर सकेंगे। खुद के उपयोग न करने पर वे किसी और को यह अधिकार बेच भी सकेंगे।
हजार में से 200 वर्गफीट जमीन चली गई, मुझे फायदा?
हजार वर्गफीट के प्लॉट पर आपको नियमानुसार 1500 वर्गफीट बनाने का अधिकार था। 800 वर्गफीट पर डेढ़ एफएआर के हिसाब से आप 1200 वर्गफीट ही बना सकते हैं, लेकिन टीडीआर सर्टिफिकेट मिलने से आप 200 वर्गफीट जमीन के तीन गुना के हिसाब से इसी प्लॉट पर 600 वर्गफीट अतिरिक्त निर्माण कर सकते हैं। इस तरह पहले जहां हजार वर्गफीट के प्लॉट पर आप 1500 वर्गफीट निर्माण ही कर सकते थे, वहीं अब 1800 वर्गफीट कर सकते हैं।
जो जमीन निगम ने सड़क चौड़ीकरण या अन्य सरकारी प्रोजेक्ट के लिए ली है, वह जनरेटिंग एरिया है। रिसीविंग एरिया दो तरह के होंगे। एक तो जनरेटिंग एरिया है, यानी आप बचे हुए प्लॉट के हिस्से में अतिरिक्त निर्माण कर सकते हैं। अथवा दूसरे क्षेत्र में। रिसीविंग एरिया अलग से चिह्नित होंगे, जो टीएंडसीपी के डायरेक्टर घोषित करेंगे। आप चाहें तो जितना निर्माण बचा है, वह रहने दें और इस सर्टिफिकेट को बेच दें। इसका पैसा आपको आपके मकान की कलेक्टर गाइड लाइन के आधार पर मिलेगा।
निगम ने जहां सर्टिफिकेट देने का वादा किया है, उनमें बीआरटीएस, महू नाका से बियाबानी, मालगंज होते हुए टोरी कॉर्नर, बड़ा गणपति से राजमोहल्ला (गणेशगंज), सरवटे बस स्टैंड से गंगवाल बस स्टैंड, व्यास ब्रिज से जिंसी, कनाड़िया रोड (पत्रकार कॉलोनी चौराहे से बंगाली चौराहा) शामिल है। आगे मेट्रो प्रोजेक्ट या स्मार्ट सिटी की सड़कों में निजी जमीनें ली जाती हैं तो वहां भी टीडीआर का फायदा मिलेगा। हालांकि उसके लिए जमीन देने वाले लोगों के नाम फाइनल करने की प्रक्रिया बाद में होगी।
यदि आपको 600 वर्गफीट का टीडीआर सर्टिफिकेट मिला है तो इस 600 वर्गफीट का उपयोग करने के लिए आपको आवश्यक जमीन 400 वर्गफीट चाहिए। मान लो उस क्षेत्र की गाइड लाइन 5 हजार वर्गफीट है तो 600 वर्गफीट के प्रमाण पत्र की कीमत 400 वर्गफीट जमीन के मान से 20 लाख रुपए हो जाएगी। जहां बेचना है, वहां की गाइड लाइन के आधार पर आपको पैसा मिल जाएगा। कीमत आप बाजार भाव से भी एडजस्ट कर सकते हैं। आप जिससे चाहें, उससे सौदा करने को स्वतंत्र हैं।