![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgrKw0mpuWd75z2W4uR-FNfChUU5DvBAkWarPD0Z19AfJm498qNebyzZ0sVVmIxH6RvNrw1u1Jnb5W1LdEa05b3HtYWPbn78jl4BKKXqglFXZqY3sKOr6JdZWaJqgXLIP_nJwfoPaPdwtFe/s1600/1.png)
फिलहाल रेलवे सभी एसी कोचों में बेडरोल किट्स की सप्लाइ करता है और उनकी 25 रुपये कीमत टिकट में ही जोड़ी जाती है। हालांकि गरीब रथ एक्सप्रेस और दूरंतो एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में ऐसा नहीं है, जहां यात्री किट की बुकिंग बिना कोई अतिरिक्त चार्ज दिए करा सकते हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक डेप्युटी कैग ने हाल ही में कहा था कि बेडरोल के चार्ज में इजाफा किया जाना चाहिए। कैग का कहना था कि बीते 12 सालों में इनके चार्ज की कोई समीक्षा नहीं हुई है, जबकि तब से अब तक इनकी धुलाई और रखरखाव का खर्च काफी बढ़ चुका है।
एक सीनियर रेलवे अधिकारी ने पीटीआई से कहा, 'हमें इस संबंध में नोट मिला है और हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं। हमेशा के लिए कीमत एक जैसी नहीं बनी रह सकती। गरीब रथ जैसी ट्रेनों में भी बेड रोल के चार्ज की समीक्षा की जाएगी और आने वाले 6 महीनों में इसका चार्ज भी टिकट में जोड़ा जा सकता है।' इस नोट में बेडरोल किट्स के चार्ज की समीक्षा करने की बात कही गई है। इस किट में दो चादर, एक तौलिया, कवर समेत एक तकिया और एक कंबल दिया जाता है।
अधिकारी ने कहा, 'कैग की ओर से भेजे गए पत्र में रेलवे से पूछा गया है कि वह बताए कि 2006 में गरीब रथ ट्रेनों की शुरुआत के बाद से इनके चार्ज की कभी समीक्षा की गई है या फिर नहीं।'