इंदौर। उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर में दक्षिणा घोटाला का खुलासा हुआ है। आरोप है कि यहां के प्रबंधक त्रिलोक विजय सक्सेना यहां आने वाले भक्तों से दक्षिणा तो ले रहे थे परंतु उसे मंदिर के खाते में जमा नहीं करवा रहे थे। कलेक्टर मनीष सिंह ने शिकायत मिलने पर छापेमारी की कार्रवाई की, जिसमें मंदिर के प्रबंधक के कमरे से एक लाख 32 हजार रुपये की नकदी बरामद की गई। मंदिर प्रबंधक पूछताछ में इस नकदी के लिए संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। कलेक्टर ने कार्रवाई करते हुए आरोपी प्रबंधक को पुलिस के हवाले कर मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाद आम तौर पर श्रद्धालु मंगल नाथ मंदिर में ही दर्शन के लिए जाते हैं। मंगलनाथ मंदिर को मंगल गृह की उत्तपत्ति का केंद्र माना जाता है और उज्जैन में आने वाले श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। इसके साथ ही मंगल दोष होने के कारण भी मंगल नाथ मंदिर में भात पूजन किया जाता है। यह मंदिर देवस्थान विभाग के तहत आता है और ट्रस्ट के माध्यम से इसकी देखरेख की जाती है। मंदिर में पूजन का विधान भिन्न है और सरकारी रसीद काटकर दी जाती है।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि कई दिनों से शिकायत मिल रही थी की मंदिर में होने वाली पूजन में रसीद नहीं काटी जा रही है और पूजन से मिलने वाले पैसों में घालमेल किया जा रहा है। इसकों लेकर मंदिर में छापेमारी की कार्रवाई की गई है। मंदिर में पूजन से संबंधित दस्तावेज खंगालने पर 1 लाख 32 हजार रुपये निकले, जिनका कोई हिसाब नहीं मिला।
मामले में तुरंत कार्रवाई कर मंदिर के प्रबंधक त्रिलोक विजय सक्सेना को पुलिस के हवाले किया गया और एफआईआर करने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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