नई दिल्ली। भड़काऊ बातें करने और सामान्य मामलों को भड़काने के लिए उन्हे नमक मिर्च लगाकर वायरल कर देने वालों की देश में एक फौज तैयार हो गई है लेकिन इसी देश में एक वर्ग ऐसा भी है जो एक दूसरे को प्यार करता है, सम्मान देता है और ना खुद भड़कता और ना ही सामने वालों को भड़कने का अवसर देता है। ताजा कहानी हिंदुओं की तीर्थ नगरी इलाहाबाद से आ रही है। जहां मुसलमानों की आबादी भी कम नहीं है। यहां ओल्ड सिटी इलाके में सरकारी जमीन पर बनी कई मस्जिदों के बड़े हिस्से को खुद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ढहा दिया क्योंकि यहां से कुंभ मेले के लिए जाने वाली सड़क को चौड़ा किया जाना था और मुस्लिम समाज इसके समर्थन में है।
इलाहाबाद के इस हिस्से में कई मस्जिदें है जो काफी पुरानी हैं और स्थानीय लोग यहीं पर जमा होकर नमाज अदा करते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि मस्जिदों का जो हिस्सा सरकारी जमीन पर बना है उसे गिराया गया है और यह किसी सरकारी एजेंसी ने नहीं बल्कि खुद मुस्लिम समाज के लोगों ने किया है। सामान्यत: ऐसे मामलों में एक वर्ग यह दावा कर बैठता है कि उनका धार्मिक स्थल वर्षों से यहां स्थापित है और वो उसके ढांचे में कोई बदलाव नहीं होने देंगे। देखते ही देखते ऐसे मामले संवेदनशील स्थितियां उत्पन्न कर देते हैं परंतु यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ।
बता दें कि प्रयाग में अगले साल 15 जनवरी से शुरू होने वाले अर्द्ध कुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सारे इंतजामों पर नजर बनाए हुए हैं। योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद यूपी में पहली बार कुंभ मेले का आयोजन होना है। यहां साल 2013 आखिरी बार कुंभ का आयोजन हुआ था। अगली बार 2025 में कुंभ मेले का आयोजन होगा लेकिन उससे पहले 2019 में अर्द्ध कुंभ मेले का आयोजन प्रयाग में होना है। इस दौरान देश-दुनिया से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र गंगा स्नान के लिए इलाहाबाद पहुंचते हैं।
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