इंदौर। क्या किसी विभाग का चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी इतना पैसा कमा सकता है कि उसके पास 2 किलो गोल्ड (जिसका बाजार मूल्य 60 लाख रुपए से ज्यादा है) और 25 संपत्तियां जमा हो जाएं। इतना ही नहीं 18000 रुपए महीना पगार पाने वाले कर्मचारी के घर में हाथ खर्च के लिए 25 लाख रुपए रखे हों। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में ऐसा हुआ है। यह वही नगरनिगम, इंदौर है जिसे स्वच्छता के लिए नंबर 1 का अवार्ड दिया गया है। कर्मचारी का नाम है असलम खान।
लोकायुक्त डीएसपी डीएस बघेल ने बताया कि असलम खान नगर निगम में बेलदार है। छापेमारी के दौरान उसके पास 25 लाख रुपए नकद, दो किलो सोना और 25 संपत्तियों के दस्तावेज मिले। ज्यादातर संपत्तियां उसकी पत्नी राहेला के नाम पर हैं। मणिकाबाल स्थित घर की कीमत करीब एक करोड़ रुपए बताई जा रही है। इसके अलावा असलम के तीन भाइयों के ठिकानों पर भी कार्रवाई चल रही है। उसका एक भाई निगम में ठेकेदार है।
बेटी का मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराया:
असलम की सैलरी महज 18 हजार रुपए है। लेकिन उसके शानो-शौकत और संपत्तियां देखकर लोकायुक्त टीम हैरान रह गई। उसने निजी मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोटे से बेटी का दाखिला कराया। इसकी पांच लाख रुपए की रसीद भी मिली।
5 लाख कीमत के बकरे भी मिले:
लोकायुक्त सूत्रों के मुताबिक, असलम राजस्व विभाग में नक्शे का काम देखता है। उसके संपत्ति जुटाने में निगम के आला अधिकारियों का हाथ हो सकता है। असलम ने घर में आलीशान थिएटर भी बना रखा है। उसके परिसरों से 5 लाख रु. कीमत के बकरे और 6 गाड़ियां भी मिलीं।
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