भारत के 3 राज्यों में भारी जल संकट की आहट, बूंद-बूंद पानी के लिए होंगे विवाद | NATIONAL NEWS

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। भारत के 3 राज्यों में भारी जलसंकट की आहट सुनाई दे रही है। यहां बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष होते नजर आएंगे। सिंचाई और पेयजल के लिए भी पानी की उपलब्धता मांग से आधी रह जाएगी। यह चेतावनी भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड ने दी है जो भाखड़ा नंगल बांध का प्रबंधन देखता है। 

तीनों राज्यों को दी गई चेतावनी

भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सरकारों को चेतावनी दी है कि यदि पौंग और भाखड़ा डैम में पर्याप्त पानी जमा नहीं हुआ, तो सितंबर 2018 से लेकर मई 2019 तक के लिए पेयजल और सिंचाई के लिए बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। इस समय के दौरान तीनों राज्यों की औसतन मांग 43000 क्यूसिक होगी, जबकि बीबीएमबी केवल 17700 क्यूसिक ही छोड़ पाएगा। हालांकि फिलहाल बिजली उत्पादन पर कोई असर नहीं है, लेकिन आने वाले समय में बिजली उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है। बीबीएमबी के चेयरमैन बीके शर्मा ने तीनों राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के प्रिंसिपल सेक्रेटरी की बैठक बुलाकर उन्हें सारी स्थिति से अवगत करवाया। 

जलस्तर घटा, संकट बढ़ा

भाखड़ा नंगल डैम का जलस्तर पिछले साल के मुकाबले 62 फीट, पौंग का 41 फीट और रणजीत सागर डैम का 13 मीटर कम है। बीबीएमबी ने अपना आकलन किया है कि जिस हिसाब से बारिश हो रही है उससे भाखड़ा का जलस्तर बहुत मुश्किल से 1600 फीट और पौंग बांध का 1340 फीट ही पहुंच पाएगा। बोर्ड की बैठक में हरियाणा के चीफ इंजीनियर (नहर) और राजस्थान के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (सिंचाई) भी मौजूद थे। बीबीएमबी का कहना है कि राज्य अपने स्तर पर बारिश के पानी का प्रबंध करें और बीबीएमबी से छोड़े जाने वाले पानी पर निर्भर न रहें। उन्होंने कहा कि पानी संकट अभी कितनी देर और चलेगा यह नहीं कहा जा सकता।

एक हफ्ते से इनफ्लो कम

पिछले एक हफ्ते से भाखड़ा का इनफ्लो भी पिछले साल के मुकाबले मात्र आधा ही चल रहा है। पिछले साल आज के दिन 79 हजार क्यूसिक पानी की आमद थी, जो इस साल 35502 क्यूसिक ही आ रहा है। पौंग का हाल इससे भी ज्यादा बुरा है। पिछले साल एक लाख क्यूसिक से ज्यादा पानी आ रहा था, जो इस साल मात्र 15966 क्यूसिक ही आ रहा है।
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