इंदौर। सांची दुग्ध संघ एक सरकार संरक्षित सहकारी संस्था है। यह उपभोक्ताओं को दूध डेयरियों के हाथों ठगी का शिकार होने से बचाने के लिए बनाया गया था परंतु अब तो सांची भी कारोबारियों की तरह मुनाफाखोर हो गया है। 30 रुपए प्रति लीटर वाला दूध 48 रुपए में बेच रहा है। जैसे सरकार ने पेट्रोल के नाम घटने पर टैक्स बढ़ाया था, लेकिन दाम बढ़ने होने पर बढ़ा हुआ टैक्स नहीं हटाया, उसी प्रकार सांची ने भी बाजार के साथ दाम बढ़ाए तो थे परंतु बाजार में दाम घट जाने के बाद अब तक घटाए नहीं।
संघ इन दिनों किसानों से करीब 8 रुपए लीटर सस्ता दूध खरीद रहा है, वहीं उपभोक्ताओं को एक रुपए की भी राहत नहीं दी जा रही। खरीदी मूल्य से 20 रुपए तक ज्यादा मुनाफे में बेच रहा है। सिर्फ इंदौर सांची ही नहीं, ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर, उज्जैन यूनिट जिस गुणवत्ता के दूध (6 फैट) के लिए उत्पादकों को 28 से 31 रुपए दे रही है, लोगों को उसी गुणवत्ता का दूध सांची गोल्ड 48 रुपए लीटर में बेच रही है। यानी सांची को हर लीटर पर 16 से 19 रुपए का मुनाफा और आम उपभोक्ता को एक रुपए की राहत भी नहीं।
खरीदी मूल्य में सालभर में 20% की गिरावट
सरकारें न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर कृषि उत्पादकों को लागत मूल्य से डेढ़ गुना देने का वादा कर रही है, लेकिन डेयरी उद्योग में इसका उलटा हो रहा है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सांची दुग्ध संघ में पिछले साल जुलाई-अगस्त में 620 रुपए प्रति किलो फैट से दूध खरीदा जा रहा था। इस महीने जबलपुर व ग्वालियर ने भाव 480 प्रति किलो तो भोपाल ने 500 रुपए प्रति किलो फैट कर दिए हैं। इंदौर दुग्ध संघ फिलहाल 520 रुपए का भाव दे रहा है। यहां भी इसे 500 रुपए करने की तैयारी है। यानी खरीदी मूल्य में कमी के चलते किसानों को पिछले साल के मुकाबले उसी गुणवत्ता के दूध के छह से आठ रुपए प्रति लीटर कम दिए जा रहे हैं।
10 रु. उस पर घटाए जिस दूध की बिक्री 300 लीटर भी नहीं
सांची जिस सपरेटा दूध के भाव 30 रुपए प्रति लीटर से घटाकर 20 रु. कर वाहवाही लूट रहा है, उसकी इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर मिलाकर बिक्री 2000 लीटर रोज भी नहीं है। इंदौर में यह दूध सिर्फ 300 लीटर रोज बिकता है। गाय के दूध का भाव भी 6 रुपए प्रति लीटर कम करने का फायदा कम लोगों को मिलेगा, क्योंकि इसकी हिस्सेदारी 15 हजार लीटर से भी कम है। सबसे ज्यादा बिकने वाले ब्रांड गोल्ड व सांची शक्ति के भाव में कमी होती तो निजी क्षेत्र की डेयरियों को भी भाव कम करना पड़ते।
1. इंदौर खरीदी-बिक्री में अंतर
खरीदी भाव 30 रुपए प्रति लीटर
बिक्री मूल्य 48 रुपए प्रति लीटर
अंतर 18 रु. प्रति लीटर (60%)
2. जबलपुर, ग्वालियर खरीदी-बिक्री में अंतर
खरीदी भाव 28.80 रुपए प्रति लीटर
बिक्री मूल्य 48 रुपए प्रति लीटर
अंतर 19.20 रुपए (65%)
3. भोपाल खरीदी-बिक्री में अंतर
खरीदी भाव 30 रुपए प्रति लीटर
बिक्री मूल्य 48 रुपए प्रति लीटर
अंतर 18 रु. प्रति लीटर(60%)
सबसे ज्यादा बिकने वाला सांची गोल्ड 6 फैट का होता है। इसी को आधार मान तुलना
10 फीसदी से ज्यादा नहीं ले सकते मुनाफा:
दुग्ध संघ को दूध खरीदने के बाद परिवहन, पाश्चरायजेशन, पैकिंग और वितरण में खर्च करना पड़ता है। इन सब में खरीदी मूल्य की अधिकतम 25% प्रतिशत तक लागत आती है। संघ का 10 फीसदी मुनाफा भी जोड़ दें तो लोगों को यह 42 से 43 रुपए प्रति लीटर में मिलना चाहिए, न कि 60% अधिक यानी 48 रुपए प्रति लीटर में।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com