भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) सहित प्रदेश के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों के मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के डॉक्टर्स की सोमवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) राधेश्याम जुलानिया के साथ हुई बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। एसीएस ने डॉक्टर्स से दो टूक कहा कि मैं आपके सामने दो आॅप्शन दे रहा हूं। मानना न मानना आपका काम है। यदि आपको सातवें वेतन आयोग का लाभ लेना है तो प्राइवेट प्रैक्टिस बंद करना पड़ेगी। साथ ही एनपीए का लाभ नहीं दिया जाएगा, जो अभी तक दिया जा रहा था।
दूसरा आॅप्शन यह कि सातवां वेतन आयोग का लाभ भी लो और आयुष्मान भारत के तहत 20 फीसदी इंसेटिव लेकर काम करो। इसके अलावा पेड क्लिनिक शाम को अस्पताल परिसर में खोलने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही यदि डॉक्टर्स दो ऑप्शन के बाद भी प्राईवेट प्रैक्टिस चालू रखना चाहते हैं तो फिर प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स को इलाज और छात्रों को पढ़ाने के लिए हायर किया जाएगा। इसके लिए उनको वेतन भी देंगे
प्राइवेट डॉक्टर्स से सरकारी अस्पताल में इलाज कराएंगे
एसीएस ने कहा कि यदि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स को दिए गए दोनों ऑप्शन को नहीं मानते हैं तो फिर गेस्ट फैकल्टी के तौर पर प्राइवेट डॉक्टर्स को एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ाने और मरीजों के इलाज के लिए रास्ता खोला जाएगा। चूंकि सरकार का काम मरीजों का बेहतर इलाज करना है। इसके लिए जो भी करना पड़ेगा करेगे। उनका कहना है कि डॉक्टर्स को यह बता दिया गया है कि अस्पताल के भीतर रहकर पैसा कमाना है या फिर प्राइवेट प्रैक्टिस कर बाहर जाकर कमाना है। दोनों आॅप्शन आपके सामने हैं।
ड्यूटी टाइम के बाद ही निजी अस्पताल में जा सकेंगे डॉक्टर्स
एसीएस जुलानिया ने यह भी कहा कि यदि प्राइवेट प्रैक्टिस चालू रखना है नियम का पालन करना होगा। इसकी अनुमति डीन से लेना होगी। यदि आपको कोई ऑपरेशन किसी निजी अस्पताल में करने जाना है तो यह ड्यूटी टाइम के बाद ही संभव होगा। इसके अलावा सुबह कोई प्राइवेट क्लिनिक में इलाज नहीं कर सकेंगे।
टाइम स्कैन प्रमोशन और ग्रेड-पे देने पर चर्चा
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ राकेश मालवीय का कहना है कि अफसरों से सातवां वेतनमान देने, टाइम स्केल प्रमोशन देने और एपीए को जारी रखने, नई पेंशन स्कीम का लाभ स्वशासी कर्मचारी और डॉक्टर्स को देने, मेडिकल रीइंबर्समेंट देने पर चर्चा की गई है। ज्यादातर मांगों पर सहमति बनी है। रही बात प्राइवेट प्रैक्टिस को लेकर तो एसीएस ने भरोसा दिलाया है कि उसे एकदम से खत्म नहीं किया जाएगा। अगली बैठक के बाद आगे की रणनीति बनेगी।
मांगों पर चर्चा हुई, पेंशन स्कीम का मिलेगा लाभ
नर्सेस एसोसिएशन के संभाग अध्यक्ष धनराज नागर का कहना है कि सातवां वेतनमान जनवरी 2016 से दिया गया था, इसमें संशोधन कर 1 अप्रैल 2016 से किया जाएगा। इसके लिए कैबिनेट मे प्रस्ताव लाया जाएगा। साथ ही समयमान, वेतनमान देने पर सहमति बनी है। नई पेंशन स्कीम से कर्मचारियों को जाेड़ा जाएगा। नर्सेस कैडर का नाम भी बदलेगा।
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